मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) के विदिशा में स्वतंत्रा दिवस (Independence Day) के मौके पर एक सरपंच ने आरोप लगाया है कि उन्हें दलित (Dalit) होने की वजह से तिरंगा नहीं फहराने दिया गया. विदिशा जिले के सिरोंज में भगवंतपुर ग्राम पंचायत के सरपंच बारेलाल अहिरवार का आरोप है कि स्कूल की प्रिंसिपल उनसे हरिजन (दलित) होने के कारण चिढ़ती हैं.
दूसरी तरफ सामने आए एक वीडियो में देखा जा सकता है कि प्रिंसिपल सरपंच से अनुरोध करती हैं कि वह आए और झंडा फहराए लेकिन सरपंच कहते हैं कि अब जब आपने झंडा किसी और फहरवा लिया है तो अब नहीं जाऊंगा.
'मामले की जांच के आदेश दिए' - एसडीएम
सरपंच ने आरोप लगाते हुए कहा कि, "वो कहती हैं कि तुम दलित हो तुम क्या जानो. आज स्वतंत्रता दिवस पर मुझे स्कूल में नहीं बुलाया और किसी और से तिरंगा झंडा फहरवा दिया. जबकि पंचायती राज अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार सरपंच को ही झंडा फहराने का अधिकार है.
स्कूल की प्रिंसिपल को वीडियो में सरपंच से यह कहते हुए सुना जा सकता है कि, "मैंने आपको फोन किया था लेकिन आपने फोन नहीं उठाया, चलिए अब हमारे साथ चलिए."
इस मामले में सिरोंज के एसडीएम हर्षल चौधरी ने संज्ञान लिया है और जांच करवाकर कार्रवाई करने की बात कही है.
"इस बारे में हमको जानकारी प्राप्त हुई है, जानकारी प्राप्त होते ही हमने जांच करने के निर्देश दिए हैं, अगर जातिसूचक शब्दों का इस्तेमाल और आरोपों को सत्य पाया जाता है तो कार्रवाई की जाएगी."हर्षल चौधरी, एसडीएम
मौके पर मौजूद पंचायत सचिव अमीर हमजा ने कहा कि अभी तक ऐसा होता रहा है कि पंचायत भवन में सरपंच झंडा फहराते हैं फिर उसके बाद स्कूल में जाकर झंडा फहराते हैं. इसके लिये सरपंच को विधिवत सूचना दी जाती है. मगर सरपंच का आरोप है कि उन्हें इस बार सूचना नही दी गई. स्कूल कीं प्रिंसिपल ने किसी ओर से झंडा फहरवा दिया और सरपंच बारेलाल पंचायत भवन में बैठे रह गए.
इस घटना से आहत हुए सरपंच बारेलाल ने कहा कि यह मेरे पद और जाति का अपमान है. मध्य प्रदेश में ऐसा आम हो गया है जब दलितों के साथ अन्याय होता है. उनको उनका हक नहीं मिल पा रहा.
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