वाराणसी (Varanasi) पुलिस कमिश्नरेट के चेतगंज थाना क्षेत्र में 31 साल पहले हुए अवधेश राय हत्याकांड (Awadhesh Rai Murder) की मूल केस डायरी गायब होने के बाद माफिया मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) की दिक्कतें बढ़ गई हैं. वाराणसी के कैंट थाने में मुख्तार अंसारी के खिलाफ धारा 120 B और 409 के तहत मुकदमा दर्ज कराया गया है. अवधेश राय के छोटे भाई और सूबे के पूर्व मंत्री अजय राय ने सरकार से गुहार लगाते हुए कहा है कि इस प्रकरण को गंभीरता से लिया जाना चाहिए.
अजय राय ने बताया कि इस मामले में 2007 तक अदालती लड़ाई के दौरान कागजात मौजूद थे. वाराणसी कचहरी में बम ब्लास्ट के बाद चीजें इधर-उधर हुई और साजिश के तहत अब मूल केस डायरी ही गायब करा दी गई है.
मुख्तार अंसारी की बढ़ी मुश्किलें
योगी सरकार में मुख्तार अंसारी की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही हैं. माफिया मुख्तार के खिलाफ दर्ज मामलों की फेरहिस्त में एक और केस गुरुवार को दर्ज किया गया है. कैंट थाने में दर्ज FIR के अनुसार, मुख्तार अंसारी पर अवधेश राय हत्या से जुड़े पुलिस डायरी की मूल प्रतिलिपि को गायब कराने का आरोप लगाया गया है. स्थानीय चौकी इंचार्ज विनोद कुमार मिश्र की ओर से ये केस दर्ज किया गया है.
केस डायरी गायब होने के मामले में मुख्तार अंसारी को 120-B और 409 के तहत आरोपी बनाया गया है. FIR में साफतौर पर मुख्तार अंसारी पर आरोप लगाया गया है कि मामले को लटकाने के उद्देश्य से मुख्तार अंसारी ने अपने खास लोगों के साथ मिलकर मूल केस डायरी को गायब कराया है.
1991 में हुई थी अवधेश राय की हत्या
अपने भाई के हत्यारों को सजा दिलाने की अदालती लड़ाई लड़ रहे कांग्रेस के कद्दावर नेता अजय राय ने बताया कि 3 अगस्त 1991 को मेरे बड़े भाई की हत्या की गई थी. चेतगंज थाने में इस मामले में नामजद मुकदमा दर्ज कराया गया था. सन 2007 तक अदालती लड़ाई में कागजात मौजूद थे. अब मूल पत्रवाली गायब है. बताया कि हत्या का मुकदमा वाराणसी के एमपी एमएलए कोर्ट में चल रहा है. मेरे साथ ही मुख्य गवाहों को कोर्ट के माध्यम से सुरक्षा मिली है.
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि 2017 से लेकर 2022 तक योगी सरकार ने भी दस्तावेजों को संभालने में कोई रुचि नहीं दिखाई. जब कोर्ट में सवाल उठाए गए, तब जाकर अब कैंट थाने के स्थानीय चौकी इंचार्ज के माध्यम से मुकदमा दर्ज कराया गया है.
अधिवक्ता के प्रार्थना पत्र पर कोर्ट ने उठाया सख्त कदम
अवधेश राय का मुकदमा लड़ रहे वरिष्ठ अधिवक्ता अनुज यादव ने बताया की पत्रावली गायब होने की जानकारी मिलने के बाद उन्होंने अदालत में प्रार्थना पत्र दिया था, जिसका संज्ञान लेते हुए कोर्ट ने मुख्तार अंसारी के खिलाफ जांच की बात कही थी. इसी क्रम में कैंट थाने की पुलिस ने मुख्तार अंसारी के खिलाफ साजिशन मूल केस डायरी गायब कराने का मुकदमा दर्ज कराया है.
पुलिस की कार्यशैली पर उठे सवाल
वहीं इस मामले में पुलिस की कार्यशैली पर भी सवालिया निशान लग रहे हैं. सवाल उठ रहे हैं कि जो केस डायरी 2007 तक मौजदू थी वह अचानक कैसे गायब हो गई. कहा जा रहा है कि योगी सरकार की सख्ती के बाद भी मुख्तार अंसारी के करीबी शासन में प्रभावी हैं. वहीं अब मामला दर्ज होने के बाद जल्द ही इस मामले में बड़े खुलासे होने की उम्मीद जताई जा रही है.
इनपुट: चंदन पांडेय
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