यूपी के फिरोजाबाद जिले की अदालत ने समाजवादी पार्टी के नेता मुलायम सिंह यादव (Mulayam Singh Yadav) के समधी और शिकोहाबाद के पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष रामप्रकाश यादव नेहरू समेत 12 के खिलाफ धोखाधड़ी के मामले में गैर जमानती वॉरंट जारी किया है.
रामप्रकाश यादव नेहरू का पूरा परिवार बीजेपी में शामिल हो चुका है.
यह मामला जमीनी विवाद का है. दरअसल 2004 में थाना लाइनपार क्षेत्र के नगला विष्णु के समीप एक 3200 फुट जगह को फर्जी तरीके से दो बार बेचने का काम किया गया था. इस पूरे मामले में मुलायम सिंह यादव के समधी रामप्रकाश यादव नेहरू समेत अन्य लोगों का नाम सामने आया.
साल 2018 में इस जमीन के मालिक वीरेंद्र कुमार ने रामप्रकाश यादव नेहरू और अन्य 11 लोगों के खिलाफ थाना लाइनपार मुकदमा दर्ज कराया. साल 2019 में इसकी चार्जशीट कोर्ट में दाखिल की गई.
हालांकि, रामप्रकाश नेहरू और उनके साथी इस केस को लेकर हाईकोर्ट से स्टे ले आए, लेकिन स्टे का समय निकलने के बाद जमीन के मालिक के वकील प्रवीण यादव ने न्यायालय के सामने यह बात रखी कि नियमानुसार इतना समय निकलने के बाद भी दोषियों पर कोई कार्यवाही नहीं की गई है. इसके बाद न्यायालय ने आरोपियों को नोटिस जारी किया.
लेकिन नोटिस के बावजूद एक भी आरोपी कोर्ट में नहीं पहुंचा, जिसके बाद न्यायालय ने रामप्रकाश यादव नेहरू समेत अन्य आरोपियों के खिलाफ वॉरंट जारी किया और सभी को 25 अप्रैल तक पेश होने को कहा. इसमें से फिलहाल एक आरोपी गिरफ्तार हो चुका है.
वहीं मुलायम सिंह यादव के समधी रामप्रकाश यादव नेहरू का कहना है उन्हें वॉरंट को लेकर कोई जानकारी नहीं है. उन्होंने ये बात स्वीकारी है कि एक मामला उनके खिलाफ चल रहा है जिसमें वह हाईकोर्ट से स्टे ले आए थे, लेकिन वॉरंट जारी होने की सूचना उन्हें मीडिया के द्वारा मिली है.
इनपुट क्रेडिट- अमन जैन
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