मुंबई पुलिस ने 28 जून को नए निर्देश जारी किए. लोगों से अपील की गई कि वो ऑफिस जाने या मेडिकल सर्विसेज के इस्तेमाल जैसी जरूरतों को छोड़कर बाकी किसी काम के लिए अपने घर के 2 किलोमीटर के दायरे से बाहर न जाएं.
ये आदेश रविवार से ही प्रभावी हो गया है. ऐसे में साफ-साफ जानकारी नहीं होने की वजह से मुंबईकर में उलझन और नाराजगी भी नजर आ रही हैं. लोग पूछ रहे हैं कि फिर खरीदारी के लिए क्या करेंगे? मुंबई पुलिस कैसे जानेगी अगर कोई शख्स 2 किलोमीटर के दायरे से बाहर जाता है तो? अगर पुलिस ने किसी को 2 किलोमीटर के दायरे के बाहर पाया तो क्या होगा?
इन्हीं सारे सवालों के जवाब जानेंगे.
किस-किस काम के लिए 2 किलोमीटर के दायरे से बाहर जाने की अनुमति है? और किन चीजों पर नहीं है?
अनुमति नहीं-
- ग्रॉसरी शॉपिंग
- सैलून / ब्यूटी पार्लर के इस्तेमाल के लिए
- दोस्तों / परिवार से मिलने जुलने के लिए
- मरीन ड्राइव, समंदर के किनारे या किसी सार्वजनिक जगह पर घूमने के मकसद से जाने के लिए
- धार्मिक स्थलों पर जाने के लिए
अनुमति है-
- ऑफिस जाने की
- मेडिकल इमरजेंसी की स्थिति में
इस नए नियम को लागू करने की क्या वजह है?
मुंबई पुलिस ने इस नियम को लागू करने के लिए लॉकडाउन के उल्लंघन, समुद्री तटों की सैर, पब्लिक प्लेस पर भीड़भाड़ की स्थिति का हवाला दिया है. लॉकडाउन के नियमों का सख्ती से पालन लोग नहीं कर रहे थे, इसलिए नए नियम लागू करने पड़े.
इस कदम की आलोचना क्यों हो रही है?
ये आदेश रविवार को ही जारी किया गया और इसे प्रभावी भी कर दिया गया. अब लोगों का कहना है कि उन्हें खुद को इस नए नियम के लिए तैयार करने का समय ही नहीं मिला. सोशल मीडिया पर लोग अपनी राय लिख रहे हैं कि अगर सार्वजनिक जगहों पर भीड़भाड़ है तो इस दो किलोमीटर के दायरे वाले नियम की जगह ऐसी जगहों को ही बंद कर देना चाहिए.
एंटरप्रेन्योर और फ्रीलांसरों का कहना है कि उन्हें काम के लिए अलग-अलग जगहों पर जाना होता है, नए नियम की वजह से सब रुक जाएगा.
पुलिस को कैसे पता चलेगा कि कोई 2 किलोमीटर के दायरे का पालन कर रहा है या नहीं?
मुंबई पुलिस ने लोगों से कहा है कि वो अपने साथ आइडेंटिटी प्रूफ लेकर चलें, जिसपर उनका एड्रेस लिखा हो. अगर कोई शख्स किसी मेडिकल इमरजेंसी की वजह से बाहर निकल रहा हो तो उसे अपने पास मेडिकल डाक्यूमेंट रखना होगा.
इस नियम के उल्लंघन पर क्या होगा?
वो सभी प्राइवेट गाड़ियां जो घर से दो किलोमीटर के दायरे के बाहर पाई जाएंगी, पुलिस उन्हें जब्त कर लेगी. कोई शख्स अगर इन नियमों का उल्लंघन करते पकड़ा जाता है तो 6 महीने की जेल और 1 हजार तक का जुर्माना हो सकता है. (आईपीसी की धारा 188 के तहत). उस शख्स पर 500 रुपये का फाइन और लगाया जा सकता है, (मोटर व्हीकल एक्ट के तहत).
जब्त गाड़ियां वापस कैसे मिलेंगी?
मुंबई पुलिस ने अभी तक इसपर कुछ साफ नहीं किया है. हालांकि, कुछ मामलों में गाड़ियों को कोर्ट के आदेश पर छुड़ाया जा सकता है, दूसरे मामलों में ये जुर्माना भरने के बाद भी छोड़े जा सकते हैं.
कोई अगर किराए के घर में रहता है, जब वो घर से बाहर निकलेगा उसके पास एड्रेस सहित वाला पहचान पत्र नहीं होगा, ऐसी स्थिति में वो क्या करेगा?
ऐसी स्थिति में लोगों को सलाह है कि अगर वो घर से दो किलोमीटर के दायर से बाहर जा रहे हैं तो वो रेंट एग्रीमेंट की कॉपी अपने साथ लेकर चलें.
अगर किसी शख्स के माता-पिता बीमार हैं, और वो उसके घर से दो किलोमीटर के दायरे के बाहर रहते हैं तो क्या उनसे मिलने की अनुमति होगी?
टेक्निकली तो इस नियम के हिसाब से अनुमति नहीं है.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)