मुंबई में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के बीच, अस्पतालों में बेड्स को लेकर परेशानी खड़ी हो गई है. बीएमसी ने अस्पतालों और नर्सिंग होम को निर्देश दिया कि वे जरूरतमंद मरीजों को बेड की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए बिना लक्षण वाले मरीजों को कोविड बेड न दें.
अस्पतालों को ऐसे मरीजों को भी जल्द डिस्चार्ज करने के लिए कहा गया है, जिनमें लक्षण (asymptomatic) नहीं और वो कोमोर्बिड कैटेगरी में नहीं हैं. ऐसा ज्यादा बीमार मरीजों को इलाज सुनिश्चित कराने के लिए किया गया है.
BMC ने पॉजिटिव मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए अस्पतालों को अपने अधिकतम बेडों की संख्या को बढ़ाने का भी निर्देश दिया है. BMC के निर्देश के मुताबिक, हर वॉर्ड में अस्पतालों के कुल बेड्स का 80 फीसदी और 100 फीसदी ICU बेड्स कोविड मरीजों के लिए रिजर्व किए जाएंगे. निजी अस्पतालों में किसी भी मरीज की भर्ती BMC की अनुमति के बिना नहीं की जाएगी.
सभी जरूरतमंद मरीजों को बेड मिल सके, इसके लिए सभी वॉर्ड में एक वॉर रूम भी बनाने के भी निर्देश दिए गए हैं. ये वॉर रूम मरीजों को बेड एलोकेट करेंगे. सभी अस्पतालों का कंट्रोल हर वॉर्ड के असिस्टेंट कमिश्नर के पास होगा.
सीएम ठाकरे ने हालात पर की बैठक
बढ़ते मामलों को देखते हुए महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने 28 मार्च को स्वास्थ्य अधिकारियों के साथ बैठक की. राज्य के स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव, डॉ. प्रदीप व्यास ने बिस्तरों, ऑक्सीजन की आपूर्ति और वेंटिलेटर की उपलब्धता पर चिंता व्यक्त की.
मुंबई में कोरोना वायरस के मामले एक बार फिर बेकाबू हो गए हैं. सोमवार को शहर में कोविड के 6,923 मामले दर्ज किए गए. इसमें 5,888 नए मामले और 12 मौतें शामिल थीं.
महाराष्ट्र में लॉकडाउन लगाने के संकेत
मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने महाराष्ट्र में लगातार बढ़ रहे कोरोना केसों को लेकर लॉकडाउन के संकेत दिए हैं. उन्होंने कहा कि बढ़ते मामलों के कारण स्वास्थ्य सुविधाएं भी कम पड़ने लगी हैं. सरकार ने फैसला लिया कि सभी नियमों का कड़ाई से पालन हो, अगर फिर भी लोग नहीं मान रहे हैं तो लॉकडाउन के लिए रोडमैप तैयार किया जाए.
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