उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ प्रदर्शन करने पर कवि और शायर मुनव्वर राणा की दो बेटियों को नजरबंद कर दिया गया है. सुमैया राना और उजमा परवीन ने लोगों से कहा था कि वो मुख्यमंत्री निवास के सामने जमा हों और थाली बजाकर अपनी आवाज मुख्यमंत्री तक पहुंचाएं.
लखनऊ के कैसरबाग इलाके में सिलवर हाइट्स अपार्टमेंट के सामने मंगलवार को भारी पुलिस बल की तैनाती देखी गई. यहीं पर मुनव्वर राणा का परिवार रहता है. पुलिस ने कहा कि राज्य में धारा 144 लगी हुई है, इसलिए लोगों के जमावड़े की मनाही है.
सुमैया राणा और उजमा परवीन उस समय भी चर्चा में थीं जब जनवरी-फरवरी में सीएए के विरोध में प्रदर्शन चल रहा था. इन दोनों के खिलाफ कई धाराओं के तहत केस भी दर्ज किया गया है.
सीएए प्रदर्शन के दौरान दर्ज हुआ था मामला
सीएए प्रदर्शन से जुड़े मामले को लेकर यूपी के ठाकुरगंज पुलिस स्टेशन में अलग-अलग एफआईआर दर्ज की गईं थीं, जिसमें आईपीसी की धारा 147 (दंगा करने), 145 (गैरकानूनी रूप से एकत्र होना) धारा 188 (लोकसेवक के विधिवत आदेश की अवज्ञा) और 283 (सार्वजनिक रूप से खतरा या रुकावट) के तहत 20 महिलाओं, दो पुरुषों और 135 अज्ञात महिलाओं के खिलाफ मामला दर्ज किया गया.
इस एफआईआर में मुन्नवर राणा की बेटियों सुमैया और फौजिया राणा के अलावा रुखसाना और सफी फातिमा नामक दो अन्य महिलाएं और अन्य आठ से 10 अज्ञात प्रदर्शनकारी भी शामिल थे.
मशहूर कवि राणा की बेटी सुमैया ने हाल नागरिकता कानून के खिलाफ विरोध प्रदर्शन में कहा था, 'यहां का माहौल बहुत खराब हो गया है और ऐसी स्थिति में रहने पर घुटन महसूस हो रही है.' इसके बाद उनके इस बयान पर बीजेपी सांसद सतीश गौतम ने उन्हें पाकिस्तान चले जाने की सलाह दे डाली थी.
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