उत्तराखंड में बीजेपी के एक विधायक पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं. एक महिला ने आरोप लगाया है कि बीजेपी विधायक महेश नेगी ने उनके साथ दुष्कर्म किया और वो उसके बच्चे के पिता भी हैं. लेकिन इस मामले में महिला पर ही गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है. इस मामले को लेकर नैनीताल हाईकोर्ट में सुनवाई हुई और फिलहाल हाईकोर्ट ने महिला को गिरफ्तारी से राहत दी है. इस मामले पर अब हाईकोर्ट में 14 अक्टूबर को सुनवाई होगी.
मामला तब सामने आया जब देहरादून की एक महिला ने नेहरू कॉलोनी थाने में एक शिकायत दर्ज करवाई. महिला ने अपनी शिकायत में बीजेपी के विधायक महेश नेगी पर आरोप लगाए कि उन्होंने उसके साथ कई सालों तक दुष्कर्म किया और उनसे उसकी एक बच्ची भी पैदा हुई है. महिला ने मांग की है कि उसकी बच्ची को विधायक अपना नाम दें. इसके लिए उसने डीएनए टेस्ट कराए जाने की मांग की है.
महिला ने की डीएनए टेस्ट की मांग
बीजेपी विधायक पर आरोप लगाने वाली महिला का कहना है कि डीएनए टेस्ट के बाद सब कुछ साफ हो जाएगा. अगर विधायक साफ हैं तो वो इससे इनकार क्यों कर रहे हैं? वहीं महिला ने जो भी इंटरव्यू दिए हैं, उनमें पुलिस पर भी आरोप लगाया है.
उसका कहना है कि पुलिस भी बीजेपी सरकार और विधायक के दबाव में काम कर रही है. इसके अलावा महिला का कहना है कि उसने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से मुलाकात करने की कोशिश की थी, लेकिन उनके पीए ने मुलाकात करवाने से साफ इनकार कर दिया.
महिला पर क्रॉस FIR
अब इस मामले के सामने आने के बाद बीजेपी विधायक महेश नेगी की पत्नी की तरफ से भी एक शिकायत दर्ज कराई गई है. जिसमें इस महिला पर ब्लैकमेलिंग का आरोप लगाया गया है. विधायक की पत्नी का आरोप है कि महिला ने उनसे इस केस के ऐवज में 5 करोड़ रुपये की मांग की है. इसी एफआईआर को लेकर महिला से पुलिस लगातार पूछताछ कर रही थी, महिला को आशंका थी कि उसे गिरफ्तार किया जा सकता है, इसीलिए उसने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर कहा था कि विधायक की पत्नी की शिकायत को खारिज किया जाए और उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगे. जिस पर हाईकोर्ट ने सुनवाई करते हुए 14 अक्टूबर तक गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है. साथ ही हाईकोर्ट ने उत्तराखंड सरकार से काउंटर एफिडेविट जमा करने को भी कहा है.
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