ADVERTISEMENTREMOVE AD

Nanded Hospital Tragedy: HC ने अस्पतालों में वेकैंसी पर उठाए सवाल, सरकार ने क्या कहा?

कुछ मरीज बच नहीं सके क्योंकि उन्हें निजी अस्पतालों ने बहुत देर से रेफर किया था : महाराष्ट्र सरकार

Published
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा

बंबई हाईकोर्ट ने 6 अक्टूबर को नांदेड़ अस्पताल में हुई मौतों (Nanded Hospital Deaths) के मामले में सुनवाई की. इस दौरान कोर्ट ने सरकारी अस्पताल में रिक्त पदों को लेकर सवाल उठाए. कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार को पिछले 6 महीनों में सरकारी अस्पतालों में रिक्तियों को भरने के लिए उठाए गए कदमों और सरकारी अस्पतालों की मांग और आपूर्ति के बारे में हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया है.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

ए़डवोकेट बीरेंद्र सराफ ने महाराष्ट्र सरकार का पक्ष रखा. हाईकोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार की रिपोर्ट के हवाले आदेश दिया है. जिसमें कहा गया "कुछ मरीज बच नहीं सके क्योंकि उन्हें निजी अस्पतालों ने बहुत देर से रेफर किया था. रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि सभी दवाएं और अन्य आपूर्तियां उपलब्ध थीं और प्रोटोकॉल के अनुसार ही उन्हें दी गई थी."

चिकित्सा आयोग की रिपोर्ट के अनुसार, नांदेड़ मेडिकल कॉलेजों में अधिक मैनपॉवर और नए NICU की जरुरत की बात कही गई है. रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि अस्पताल में 97 पदों में से केवल 49 ही भरे हुए हैं.

कोर्ट ने राज्य सरकार को मेडिकल प्रोक्योरमेंट अथॉरिटी से अपनी खरीद, नियुक्ति और उपलब्ध स्टाफ के लिए 2023 अधिनियम के अनुसार एक हलफनामा दाखिल करने को भी कहा.

बॉम्बे हाईकोर्ट ने यह भी आदेश दिया कि मेडिकल एजुकेशन के प्रिंसिपल सेक्रेटरी को दायर हलफनामे में पिछले एक साल में चिकित्सा आपूर्ति के लिए नांदेड़ से जुड़े संस्थानों का विवरण भी देना चाहिए. इसी तरह का विवरण दूसरे अस्पतालों के लेकर भी देना चाहिए.

क्या है पूरा मामला?

महाराष्ट्र के नांदेड़ (Maharashtra's Nanded) के एक सरकारी अस्पताल शंकरराव चव्हाण सरकारी मेडिकल कॉलेज में 48 घंटों में 31 मरीजों की मौत हो गई थी. मरनेवालों में 16 बच्चे थे. जिसके बाद विपक्ष और परिजनों ने डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगाया था.

अस्पताल के डीन ने 2 अक्टूबर को मीडिया को बताया था कि 30 सितंबर-1 अक्टूबर को अस्पताल में मरने वाले 12 नवजातों की 0-3 दिन की उम्र थी. उनका वजन "बहुत कम" था. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, संजय राउत, राहुल गांधी और सुप्रिया सुले समेत गई नेताओं ने महाराष्ट्र सरकार पर सवाल उठाए थे. वहीं, उन्होंने मामले में जांच की मांग की थी.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
×
×