पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने तृणमूल कांग्रेस के अपने चार नेताओं की गिरफ्तारी के विरोध में सीबीआई के कोलकाता कार्यालय में धरना शुरू कर दिया है.बनर्जी 'निजाम पैलेस' की 15वीं मंजिल पर पहुंचीं, जहां सीबीआई का भ्रष्टाचार निरोधक प्रकोष्ठ का कार्यालय है.
'तब तक धरना, जब तक गिरफ्तार नहीं कर लिया जाता'
उनके प्रवक्ता, वकील अनिंद्यो राउत ने कहा,
“दीदी (बनर्जी) इस सीबीआई कार्यालय को तब तक नहीं छोड़ेंगी जब तक कि उनकी पार्टी के सहयोगी रिहा नहीं हो जाते या उन्हें भी गिरफ्तार नहीं कर लिया जाता.”
उन्होंने कहा कि ममता बनर्जी ने सीबीआई अधिकारियों को बताया कि उन्होंने चार नेताओं को बिना किसी अनिवार्य सूचना के गिरफ्तार कर लिया है, जिनमें दो मौजूदा और दो पूर्व मंत्री शामिल हैं. राउत ने ममता बनर्जी के हवाले से कहा, "ये गिरफ्तारियां राजनीति से प्रेरित और अवैध हैं. सुवेंदु अधिकारी और मुकुल रॉय को छोड़ दिया गया है, हालांकि उन पर समान आरोप हैं."
सीबीआई कार्यालय की रखवाली कर रहे केंद्रीय बल मीडियाकर्मियों को कार्यालय के अंदर नहीं जाने दे रहे थे - इसलिए सीएम बनर्जी से बात करना संभव नहीं था.लेकिन उन्होंने राउत को पत्रकारों को 'उनका नजरिया' बताने के लिए भेजा.
2 मंत्री लिए गए हिरासत में
सीबीआई ने सोमवार को समानांतर छापेमारी शुरू की और नारद स्टिंग मामले में अपनी जांच में टीएमसी मंत्रियों फिरहाद हकीम और सुब्रत मुखर्जी और विधायक मदन मित्रा को हिरासत में लिया. कुछ ही घंटों में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी सीबीआई कार्यालय पहुंच गईं. टीएमसी नेताओं के साथ, कोलकाता के पूर्व मेयर सोवन चटर्जी को भी मामले में सीबीआई ने गिरफ्तार किया गया.
कोर्ट जा रही है टीएमसी- कल्याण बनर्जी
मंत्रियों, विधायकों को हिरासत में लिए जाने पर टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी ने कहा है कि पार्टी कोर्ट जा रही है.
सुप्रीम कोर्ट ने इस कोविड काल के दौरान फैसला सुनाया था कि पुलिस बिना वजह किसी को हिरासत में रख सकती या गिरफ्तार नहीं कर सकती. इसके बावजूद, सीबीआई और पुलिस ने हमारे नेताओं को गिरफ्तार किया है.कल्याण बनर्जी, सांसद, टीएमसी
इस दौरान कल्याण बनर्जी ने राज्यपाल बदले की भावना से काम करने का आरोप लगाया है. बनर्जी ने कहा कि राज्य सरकार से बिना बातचीत किए राज्यपाल अपने आप से कोई भी फैसला ले रहे हैं. वो 2024 चुनाव से पहले बीजेपी से एक टिकट सिक्योर करने की कोशिश में हैं, इसलिए पार्टी को खुश करने के लिए टीएमसी के खिलाफ काम कर रहे हैं.
कोई नोटिस नहीं दिया गया- फिरहाद हाकिम
राज्य के परिवहन मंत्री और कोलकाता के पूर्व मेयर फिरहाद हाकिम ने मीडिया से कहा, "उन्होंने कोई नोटिस नहीं दिया और अब उन्होंने मुझे गिरफ्तार कर लिया है. उन्होंने अध्यक्ष की अनुमति भी नहीं ली. हम इसे अदालत में लड़ेंगे." दक्षिण कोलकाता में उनके चेतला स्थित घर से गिरफ्तार होने से पहले उन्होंने यह बात कही.
हाकिम के साथ तीन अन्य को सुबह निजाम पैलेस स्थित सीबीआई क्षेत्रीय कार्यालय लाया गया. सीबीआई सूत्रों ने बताया कि उन्हें भी गिरफ्तार कर लिया गया है.
सीबीआई के अधिकारी बड़े केंद्रीय बलों के साथ सुबह करीब साढ़े नौ बजे नेताओं और मंत्रियों के घर गए और उन्हें अपने वकीलों से बात करने की अनुमति दिए बिना क्षेत्रीय कार्यालय ले आए.
स्पीकर की अनुमति के बिना दो कैबिनेट मंत्रियों की गिरफ्तारी के बारे में सवाल उठाए गए हैं. सीबीआई अधिकारियों ने कहा कि उन्होंने राज्यपाल की अनुमति मांगी थी और जगदीप धनखड़ ने उन्हें मुकदमा चलाने की अनुमति दी थी.
नारदा स्टिंग केस में कार्रवाई
नारदा स्टिंग ऑपरेशन मामले में टीएमसी नेताओं को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) कार्यालय ले जाया गया. कुछ दिन पहले बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने सीबीआई को इन टीएमसी नेताओं के खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति दी थी. धनखड़ ने तृणमूल कांग्रेस को धमकी दी थी और कहा था कि उन्हें अपनी शक्तियों का इस्तेमाल करने के लिए मजबूर नहीं किया जाना चाहिए.
तृणमूल सांसद और वकील कल्याण बनर्जी ने आईएएनएस को बताया कि पार्टी नेताओं ने इन मामलों में हमेशा सीबीआई का सहयोग किया है.
“अब सीबीआई का कहना है कि उन्होंने चारों को गिरफ्तार कर लिया है क्योंकि वे उनके खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर रहे हैं. अगर वे चार्जशीट दाखिल कर रहे हैं, तो इसका मतलब है कि जांच खत्म हो गई है. तो उन्हें हिरासत में लेने की आवश्यकता क्यों है और गिरफ्तारी का अनिवार्य नोटिस कहां है. यह पूरी तरह से अवैध और राजनीति से प्रेरित है, हम अदालत का रुख करेंगे.”
नारदा स्टिंग केस क्या है ?
साल 2016 में पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनावों से ठीक पहले नारद न्यूज के सीईओ मैथ्यू सैमुएल ने एक स्टिंग वीडियो जारी किया था. इस वीडियो में वे एक कंपनी के प्रतिनिधि के तौर पर तृणमूल कांग्रेस के सात सांसदों, तीन मंत्रियों और कोलकाता नगर निगम के मेयर शोभन चटर्जी से मिले थे और एक काम के बदले मोटी रकम देते नजर आए थे. बताया गया था कि ये टेप 2014 में बनाया गया था. जिसके बाद कलकत्ता हाई कोर्ट ने मार्च, 2017 में स्टिंग ऑपरेशन को लेकर सीबीआई जांच का आदेश दिया था.
वहीं स्टिंग ऑपरेशन में मौजूदा बीजेपी नेता मुकुल राय, ममता के पूर्व सहयोगी और फिलहाल बीजेपी विधायक शुभेंदु अधिकारी, सुब्रत मुखर्जी, सुल्तान अहमद, काकोली घोष दस्तीदार, प्रसून बनर्जी, शोभन चटर्जी, मदन मित्र, इकबाल अहमद और फिरहाद हकीम का नाम सामने आया था.
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