सोशल एक्टिविस्ट नरेंद्र दाभोलकर की हत्या मामले में आरोपी, विक्रम भावे को बॉम्बे हाईकोर्ट ने जमानत दे दी है. भावे पुणे की यरवदा सेंट्रल जेल में बंद हैं. भावे को 1 लाख रुपये का नकद बांड जमा करने के बाद रिहा किया जाएगा.
जस्टिस एस एस शिंदे और जस्टिस मनीश पिटाले ने ये भी कहा कि भावे को पहले हफ्ते रोजाना पुलिस स्टेशन आना होगा, और अगले दो महीने के लिए, हफ्ते में दो दिन पुलिस स्टेशन आना होगा. ट्रायल के आखिरी तक उन्हें हर हफ्ते एक बार पुलिस स्टेशन आना होगा. वो ट्रायल कोर्ट के अधिकार क्षेत्र को नहीं छोड़ सकते.
भावे ने स्पेशल कोर्ट से जमानत याचिका खारिज होने के बाद हाईकोर्ट में अपील दायर की थी. कोर्ट ने सीबीआई के अनुरोध को स्वीकार करने से इनकार कर दिया, जिसमें एजेंसी ने जमानत के आदेश पर रोक लगाने की मांग की.
सीबीआई के मुताबिक, आरोपी सचिन अंधुरे और शरद कलसकर ने 20 अगस्त 2013 को दाभोलकर पर कथित तौर पर गोलियां चलाई थीं, जब वह पुणे के ओंकारेश्वर मंदिर के पास वी आर शिंदे पुल पर सुबह की सैर पर थे.
मामले में जांच कर रही सीबीआई ने साल 2016 में डॉक्टर विरेंद्र तावड़े, अगस्त 2018 में शरद कलसकर और सचिन अंधुरे को गिरफ्तार किया था. मई 2019 में, मुंबई स्थित सनातन संस्था के वकील संजीव पुनालेकर और उनके सहयोगी विक्रम भावे को गिरफ्तार किया गया था.
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