वीडियो एडिटर: वीरू कृष्ण मोहन
दस महीनों के लॉकडाउन के बाद मुंबई की लाइफलाइन लोकल ट्रेन 1 फरवरी से आम जनता के लिए खुल गई है. हालांकि, फिलहाल सिर्फ तीन स्लॉट्स में यात्री लोकल ट्रेनों में सफर कर पाएंगे. पहली ट्रेन सुबह 7 बजे तक, दोपहर 12 से 4 के बीच और फिर रात 9 बजे से आखिरी ट्रेन तक आम जनता के लिए लोकल की सेवा उपलब्ध रहेगी.
लोकल सेवा शुरू होने से मुंबईवासियों को बड़ी राहत मिली है. लेकिन एहतियातन उन्हें कोविड 19 की गाइडलाइन्स और तय समय सीमा का सख्ती से पालन करना होगा. क्योंकि नियमों का उल्लंघन करने वालों पर नजर रखने के लिए रेल प्रशासन और बीएमसी ने खास तैयारियां की है. जीआरपी, रेलवे पुलिस के साथ बीएमसी स्टाफ भी कार्रवाई करने के लिए सभी स्टेशनों पर तैनात है.
आपको बता दें कि फिलहाल सेंट्रल और वेस्टर्न रेलवे की कुल 2985 ट्रेनें पटरियों पर दौड़ रही है. जो कि कुल ट्रेनों की 95 फीसदी है. ऐसे में लॉकडाउन के दौरान लोकल में सफर करने वाले अत्यावश्यक सेवाओं के लोगो की संख्या 10 से 15 लाख के बीच थी.
पहले दिन करीब 26 लाख लोगों ने लोकल से सफर किया. आपको बता दें कि मुंबई लोकल की तीनों सेवाओं में औसतन 80 लाख यात्री हर रोज यात्रा करते हैं. जिससे आगे लोकल सेवा में बड़े पैमाने पर फिर से भीड़ बढ़ने की संभावना है.
ठाणे से दादर तक सफर करने वाले अकाउंटेंट ज्योतिष का कहना है कि 'तय समय सीमा के बावजूद लोकल में फिर से भीड़ बढ़ने वाली है. जिस वजह से सोशल डिस्टेंसिंग का पालन लोकल में करना ना के बराबर है.'
हालांकि रोज घंटों बस में सफर करनेवाले प्राइवेट एम्प्लॉई विजय इंदुलकर ने बताया कि ‘टाइम स्लॉट्स की वजह से ऑफिस टाइमिंग के बाद या तो रुकना होगा या बस से वापस घर आना होगा. सरकार को समय के बंधन पर फिर से सोच विचार करना चाहिए.”
लेकिन रेलवे प्रशासन ने भीड़ को कम करने के लिए कई नियमों में बदलाव भी किए है. जैसे 22 मार्च 2020 से पहले जिन यात्रियों ने रेलवे पास निकाले है उन्हें पास की एक्सपाइरी में एक्सटेंशन दिया है. साथ ही सभी स्टेशंस के एंट्री-एग्जिट पॉइंट्स पर रेलवे पुलिस को तैनात किया गया है.
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