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UP: निघासन गैंगरेप-हत्याकांड में 4 आरोपी दोषी करार, दो को उम्रकैद-दो को 6 साल जेल

UP: लखीमपुर खीरी के निघासन थाना क्षेत्र में 14 सितंबर 2022 को दो सगी बहनों की गैंगरेप के बाद हत्या कर दी गई थी.

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उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के निघासन (Nighasan Gangrape) थाना क्षेत्र में दो दलित सगी बहनों से गैंगरेप के बाद उनकी हत्या कर शवों को लटका देने के मामले में अदालत ने 14 अगस्त को अपना फैसला सुना दिया है. अदालत ने गैंगरेप और हत्या के आरोपी जुनैद और सुनील को दोषी करार देने के बाद आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. तो वहीं दो अन्य आरोपी, आरिफ और करीमुद्दीन को 6 वर्ष की सजा सुनाई गई है. इन दोनों का सबूत मिटाने का दोषी पाया गया है.

क्या है पूरा मामला? आपको बताते हैं.

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कब हुई थी घटना? 14 सितंबर 2022 को उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी इलाके के निघासन थाना क्षेत्र में दो सगी बहनों की गैंगरेप के बाद हत्या कर दी गई थी. इन दोनों बहनों के शव पेड़ से लटके हुए पाए गए थे. मामले की जांच के लिए गठित एसआईटी ने छह आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा था. उसके बाद जांच पूरी करते हुए 14 दिन बाद, 28 सितंबर 2022 को जुनैद, सुनील, करीमुद्दीन और आरिफ समेत छह आरोपियों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल कर दिया था.

सजा का आधार ? सुनवाई के दौरान दो आरोपियों की उम्र 18 साल से कम पाई गई थी. इनमें एक आरोपी की उम्र 16 साल से भी कम थी. उसके केस को किशोर न्याय बोर्ड में सुनवाई के लिए भेज दिया गया. जबकि एक अन्य आरोपी, जिसकी आयु 16 साल से अधिक व 18 साल से कम थी, उसके मामले की सुनवाई पाक्सो कोर्ट में ही हुई.

अभियोजन ने मामले को साबित करने के लिए जांचकर्ता, डॉक्टर समेत कई गवाहों को कोर्ट में पेश किया. साथ ही कई दस्तवेजी और इलेक्ट्रॉनिक सबूत भी पेश किए. आरोपियों की ओर से भी अपने बचाव में दलीलें पेश की गईं, जिसके बाद अदालत ने यह फैसला सुनाया है.

किन धाराओं में दोषी? आरोपी जुनैद और सुनील को आईपीसी की धारा 302/34 (एकराय होकर हत्या करना), 376 डीए (नाबालिग से गैंगरेप), 323 (साधारण चोट पहुंचाना), 452 (घर में घुसकर मारपीट करना), 363 (अवयस्क का अपहरण करना), 201( सबूत मिटाना) और पॉक्सो एक्ट में दोषी करार दिया है. आरोपी आरिफ और करीमुद्दीन को आईपीसी की धारा 201(सबूत मिटाने) का दोषी करार दिया है.

मामले की पूरी टाइम लाइन

  • 14 सितंबर 2022--निघासन थाना क्षेत्र में दो दलित किशोरियों की रेप के बाद हत्या

  • 15 सितंबर 2022-एफआइआर दर्ज, पुलिस ने किया केस का खुलासा, छह गिरफ्तार

  • 28 सितंबर 2022- एसआईटी ने आरोपपत्र दाखिल किया.

  • 30 सितंबर 2022-- आरोपियों पर आरोप तय किये गए.

  • 03 अक्टूबर 2023- अभियोजन ने पेश किया पहला गवाह

  • 13 मई 2023- अभियोजन की बहस पूरी

  • 12 जून 2023- बचाव पक्ष की बहस शुरू

  • 7 अगस्त 2023- बचाव पक्ष की बहस पूरी, फैसले के लिए 11 अगस्त की तारीख तय

  • 11 अगस्त 2023- चार आरोपी दोषी करार

  • 14 अगस्त 2023- चारों आरोपियों को सुनाई गई सजा

(इनपुट- धर्मेन्द्र राजपूत)

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