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नीति आयोग की रिपोर्ट में पिछड़ा बिहार, JDU की विशेष राज्य की मांग

मुख्य विपक्षी पार्टी आरजेडी इस रिपोर्ट के बहाने जहां लगातार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साध रही है

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नीति आयोग के सतत विकास लक्ष्य (एसडीजी) भारत सूचकांक 2020-21 में बिहार के सबसे खराब प्रदर्शन पर राज्य की राजनीति थमने का नाम नहीं ले रही है. मुख्य विपक्षी पार्टी आरजेडी इस रिपोर्ट के बहाने जहां लगातार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साध रही है वहीं शनिवार के जेडीयू ने एक बार फिर बिहार को विशेष राज्य के दर्जे का पुराना राग छेड़ दिया है.

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बिना दर्जा मिले, बराबरी मुमकिन नहीं- कुशवाहा

राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (आरएलएसपी) के जेडीयू में विलय के बाद पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि नीति आयोग की हालिया रिपोर्ट इसके प्रमाण हैं कि बिना विशेष राज्य का दर्जा मिले अन्य राज्यों की बराबरी संभव नहीं है.

उपेंद्र कुशवाहा ने अपने अधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट कर प्रधाानमंत्री नरेंद्र मोदी को संबोधित करते हुए लिखा,

“बिहार-झारखंड विभाजन उपरांत प्राकृतिक संपदाओं का अभाव और बिहारवासियों पर प्राकृतिक आपदाओं के लगातार दंश के बावजूद नीतीश कुमार के नेतृत्व में राजग सरकार अपने कुशल प्रबंधन से बिहार में विकास की गति देने में लगी है. लेकिन वर्तमान दर पर अन्य राज्यों की बराबरी संभव नहीं है.”

बिहार वासियों के लिए मांगा न्याय

उन्होंने आगे लिखा, "नीति आयोग की हालिया रिपोर्ट इसका प्रमाण है. अत: विनम्र निवेदन है कि 'बिहार को विशेष राज्य का दर्जा' देने की जदयू की वषरे लंबित मांग पर विचार करें और बिहार वासियों को न्याय दें."

उल्लेखनीय है कि नीति आयोग की रिपोर्ट सामने आने के बाद बिहार की हर जगह आलोचना हो रही है. राजद के नेता इस रिपोर्ट को लेकर सरकार पर निशाना साध रहे हैं.

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