उत्तर प्रदेश के नोएडा में तैनात एसएसपी वैभव कृष्ण को सस्पेंड कर दिया गया है. उन्हें ये सजा एक वायरल हुए वीडियो को लेकर मिली है. जिसके बारे में खुद एसएसपी वैभव कृष्ण ने सामने आकर जानकारी दी थी. उन्होंने उस वक्त कहा था कि ये वीडियो मॉर्फ्ड है और जबरन उनकी फोटो लगाकर इस वीडियो को वायरल किया गया. उन्होंने इसे बदनाम करने की एक साजिश बताया था. लेकिन उन्हें सस्पेंड करने के पीछे इसी को वजह बताया गया है और कहा गया है कि वीडियो के साथ छेड़छाड़ नहीं हुई थी.
वीडियो में क्या था?
वीडियो में वैभव कृष्ण की फोटो और उनकी आवाज के साथ एक अन्य महिला की आवाज सुनाई दे रही थी. दोनों वीडियो में कुछ बातें करते दिख रहे थे. जब एसएसपी से इस वीडियो के कंटेंट को लेकर सवाल पूछा गया था तो उन्होंने कहा था,
“उसमें पीछे से किसी लड़की की आवाज आ रही है. लेकिन जो वीडियो है उसमें कोई लड़की मौजूद नहीं है और उसमें कुछ अलग तरह की बातें कही जा रही हैं. उसमें मेरी फोटो डाली गई है.”एसएसपी वैभव कृष्ण
वीडियो पर SSP ने कराई थी FIR
नोएडा के एसएसपी वैभव कृष्ण ने खुद इस मामले में एक एफआईआर दर्ज कराई थी. उन्होंने बताया था कि इस मामले में उन्होंने नोएडा थाना सेक्टर 20 में अज्ञात लोगों के खिलाफ आईटी एक्ट और विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कराया है. एसएसपी ने तब कहा था कि उन्होंने आईजी मेरठ जोन से निवेदन किया है कि इस मामले की जांच जनपद गौतम बुद्ध नगर के अलावा किसी अन्य जनपद की पुलिस से कराई जाए, ताकि मामले की निष्पक्ष जांच हो सके.
वैभव कृष्ण ने अपनी इस एफआईआर के साथ सीएम योगी को एक रिपोर्ट भी भेजी थी. वीडियो वायरल होने के बाद उन्होंने कहा कि पिछले एक साल के अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने संगठित अपराध, सफेदपोश दलाली, जबरन वसूली और भ्रष्टाचारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की है.
वहीं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को एक बेहद संवेदनशील रिपोर्ट में एसएसपी ने संगठित गिरोह के बारे में भी बताया. इस रिपोर्ट में कई लोगों के नाम शामिल थे. इसमें कुछ वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के ट्रांसफर रैकेट में शामिल होने की बात भी कही गई थी.
एसएसपी वैभव के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों पर लगाए गए इन आरोपों के बाद यूपी डीजीपी ओपी सिंह ने जवाब देते हुए कहा था-
"विभाग से जुड़े किसी भी विषय के दस्तावेज लीक करना गैरकानूनी है. इसमें सर्विस नियमों का उल्लंघन किया गया है. हम इस पूरे मामले की जांच कर रहे हैं. मेरठ आईजी इस मामले को देख रहे हैं."
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