नोएडा के एसएसपी वैभव कृष्ण ने अचानक मीडिया के सामने आकर बताया था कि उनके खिलाफ साजिश रची जा रही है और उनका एक वीडियो वायरल कर दिया गया है. इसके लिए उन्होंने एक एफआईआर भी दर्ज की. लेकिन अब इसी वीडियो के आधार पर उन्हें सस्पेंड कर दिया गया है. लेकिन वीडियो सामने आने के बाद एसएसपी वैभव ने कई खुलासे किए थे. उन्होंने अफसरों के तबादलों को लेकर कुछ सीनियर अधिकारियों पर मोटी रिश्वत लेने का आरोप भी लगाया था. उनकी इस शिकायत पर भी एक्शन लिया गया है.
योगी सरकार ने वैभव कृष्ण की लिखित शिकायत को भी नजरअंदाज नहीं किया. जिन बड़े अधिकारियों के नाम वैभव कृष्ण ने अपनी शिकायत में शामिल किए थे उन पर भी गाज गिरी है. पांचों आईपीएस अधिकारियों को उनके जिलों से हटा दिया गया है. इन सभी के खिलाफ अब जांच भी शुरू कर दी गई है.
एसआईटी करेगी मामले की जांच
भले ही यूपी पुलिस ने एसएसपी वैभव कृष्ण को सस्पेंड कर दिया हो, लेकिन एक्शन की जद में अब कई आला अधिकारी आए हैं. इन सभी अधिकारियों पर जांच के लिए अब एसआईटी का गठन कर दिया गया है. इसके लिए तीन सदस्यीय एसआईटी गठित की गई है. वरिष्ठ आईपीएस अफसर और डीजी विजलेंस हितेश चंद्र अवस्थी को एसआईटी प्रमुख बनाया गया है. बाकी दो सदस्य आईजी एसटीएफ अमिताभ यश और एमडी जल निगम विकास गोठलवाल होंगे.
हाई लेवल जांच कमेटी अगले 15 दिनों के भीतर पूरी रिपोर्ट पेश करेगी. इस रिपोर्ट के बाद सख्त कार्रवाई की बात कही गई है. जांच प्रभावित न हो, इसलिए सभी पांचों पुलिस अफसरों को फील्ड से हटाया गया है. इनकी जगह नए अधिकारियों की तैनाती की गई, सभी को तत्काल ज्वाइनिंग के आदेश दिए गए हैं.
बताया जा रहा है कि पुलिस के बड़े अधिकारियों पर हुई इस तरह की कार्रवाई उत्तर प्रदेश में कम ही हुई हैं. इस हाई लेवल केस में वरिष्ठ अफसरों और एसटीएफ को भी लगाया गया है.
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