बिहार की जन अधिकार पार्टी के अध्यक्ष राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव (Pappu Yadav) एक बार फिर से बड़ी मुसीबत में फंसते दिख रहे हैं. पूर्व सांसद को पटना की एमपी-एमएलए कोर्ट ने एक साल कैद की सजा सुनाई है. JAP सुप्रीमो पर कोर्ट ने 10 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है. पप्पू यादव को ये सजा जेल में मोबाइल रखने के मामले में हुई है.
क्या है पूरा मामला?
दरअसल, 2004 में पप्पू यादव एक अपराधिक मामले के तहत पटना की बेऊर जेल में बंद थे. जेल निरीक्षण के दौरान पप्पू यादव के पास से एक मोबाइल फोन और एक ईयर फोन बरामद हुआ था. इस मामले में पप्पू यादव पर फुलवारीशरीफ थाने में मामला दर्ज किया गया था.
19 साल बाद आया फैसला
इसी केस में सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष के तरफ से कई गवाह पेश किए गए और करीब 19 साल बाद इस मामले में पप्पू यादव को दोषी ठहराया गया.
दोषी ठहराने के बाद कोर्ट ने एक साल की सजा और 10 हजार आर्थिक दंड की सजा सुनाई है. हालांकि, पप्पू यादव को इस केस में तत्काल जमानत मिल गयी है.वहीं 10 हजार की राशि नहीं देने पर उन्हें एक माह की अतिरिक्त सजा काटनी होगी.
दूसरे मामले में पप्पू यादव बरी
वहीं, दूसरी ओर 2018 के एक आपराधिक मामले में साक्ष्य का अभाव पाते हुए विशेष अदालत ने पूर्व सांसद पप्पू यादव को बरी कर दिया है. यह आपराधिक मामला राजेन्द्र नगर स्टेशन पर भीड़ जमा कर धरना-प्रर्दशन करने से जुड़ा था.
बता दें, साल 2018 में रेलवे पुलिस ने पूर्व सांसद पप्पू यादव के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी. पप्पू यादव पर रेल मार्ग जाम कर धरना देने, रेल यातायात बाधित करने, रेलवे पुलिस बल के साथ मारपीट करने और सरकारी काम में बाधा पहुंचाने का आरोप लगा था. हालांकि, कोर्ट में रेलवे पुलिस उपयुक्त साक्ष्य नहीं प्रस्तुत कर पाई. इस कारण से कोर्ट ने इस मामले में पप्पू यादव को बरी कर दिया है.
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