ममता सरकार ने पार्थ चटर्जी को मंत्री पद के अलावा संगठन के पदों से भी हटा दिया है. TMC ने पार्थ को महासचिव, उपाध्यक्ष समेत तीन और पदों से हटा दिया है. पार्टी ने उन्होंने जांच जारी रहने तक निलंबित कर दिया है साथ ही ये भी कहा है कि अगर वह निर्दोष साबित होते हैं तो दोबारा पार्टी के इन पदों पर स्थापित हो सकते हैं.
टीचर भर्ती घोटाले में पार्थ चटर्जी और उनकी करीबी अर्पिता मुखर्जी को सोमवार को PMLA कोर्ट में पेश किया गया था. कोर्ट ने सुनवाई के बाद पार्थ अर्पिता मुखर्जी को 3 अगस्त तक ED की कस्टडी में भेज दिया था. उस दौरान ED का ये भी कहना था कि अर्पिता ने पूछताछ के दौरान स्वीपर किया था कि ये कैश पार्थ चटर्जी का ही है.
वहीं, इस पूरे मामले पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि मैंने पार्थ चटर्जी को मंत्री पद से हटा दिया है. मेरी पार्टी सख्त कार्रवाई करती है.
ED ने पार्थ चटर्जी के निजी सचिव सुकांत आचार्य को किया तलब
उधर, ED ने कोलकाता मुख्यालय में पार्थ चटर्जी के निजी सचिव सुकांत आचार्य को आज फिर से पूछताछ के लिए तलब किया है. पश्चिम बंगाल (West Bengal) शिक्षक भर्ती घोटाले (SSC Scam) की जांच में जुटी ईडी की टीम ने नोटों का एक और जखीरा बरामद किया है. बेलघरिया में ईडी ने 28 करोड़ 90 लाख रुपये और लगभग 5 किलो सोना जब्त किया है. इस कैश को गिनने के लिए कई मशीनों को मंगवाया गया था.
कौन हैं पार्थ चटर्जी?
पार्थ चटर्जी पश्चिम बंगाल सरकार में कॉमर्स एंड इंडस्ट्री विभाग के मंत्री थे. इससे पहले वो शिक्षा मंत्री थे. इसके साथ ही वो अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस के पश्चिम बंगाल के महासचिव भी हैं. पार्थ चटर्जी का जन्म 6 अक्टूबर, 1952 को कोलकाता में हुआ था. उन्होंने एमबीए की डिग्री ली है. 70 साल के चटर्जी एंड्र्यू युले कंपनी में बतौर एचआर प्रोफेशनल काम कर चुके हैं. उनके राजनीतिक करियर की शुरुआत 2001 में तब हुई, जब वो बेहला पश्चिम से पहली बार विधायक चुने गए थे.
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