चमकी से 93 बच्चों की मौत, एक बच्चे ने हर्षवर्धन के सामने तोड़ा दम
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने एक्यूट इंसेफलाइटिस सिंड्रोम (एईएस) पर रिसर्च की जरूरत पर बल दिया. एईएस से बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में अब तक 93 बच्चों की मौत हो चुकी है. खबरों के मुताबिक तो केंद्रीय मंत्री के सामने ही एक बच्चे ने दम तोड़ दिया. केंद्रीय स्वास्थ्य राज्यमंत्री अश्विनी कुमार चौबे और बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे के साथ हर्षवर्धन ने राज्य के स्वामित्व वाले श्रीकृष्णा मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (एसकेएमसीएच) का दौरा किया.
सरकारी श्रीकृष्ण मेडिकल कॉलेज और अस्पताल का दौरा करने के बाद हर्षवर्धन ने कहा, “बीमारी की पहचान करने के लिए शोध होना चाहिए, जिसकी अभी भी पहचान नहीं है और इसके लिए मुजफ्फरपुर में शोध की सुविधा विकसित की जानी चाहिए.”
केंद्रीय मंत्री हर्षवर्धन ने कहा कि बीमारी के प्रकोप को नियंत्रित करने के लिए चिकित्सा क्षेत्र की सभी लोगों को मिलकर काम करना चाहिए. हर्षवर्धन ने स्थिति की समीक्षा की. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार, राज्य सरकार को एईएस के प्रकोप के बाद स्थिति को नियंत्रित करने में मदद कर रही है.
बिहार में लू से अब तक 45 से ज्यादा मौतें
बिहार में गर्मी और लू की वजह से 45 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है और 100 से ज्यादा अस्पताल में भर्ती हैं. औरंगाबाद, गया और नवादा जिलों में लू का सबसे ज्यादा प्रकोप है इन जिलों में लू लगने के कारण ये मौतें हुई हैं.
औरंगाबाद के सिविल सर्जन डॉ. सुरेंद्र प्रसाद सिंह ने लू के कारण 27 लोगों की मौत होने की पुष्टि की. उन्होंने कहा, “विभिन्न अस्पतालों में दर्जनों लोगों का इलाज चल रहा है.”
गया के जिलाधिकारी अभिषेक सिंह ने 14 लोगों की मौत होने की पुष्टि की, जबकि एक अन्य जिला अधिकारी ने नवादा में पांच लोगों की मौत की पुष्टि की है. दोनों जिलों में लू प्रभावित 60 से अधिक लोगों का इलाज किया जा रहा है.
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इन मौतों पर दुख व्यक्त किया है और पीड़ितों के परिजनों को 4 लाख रुपये का मुआवजा देने की घोषणा की है.
सरकार ने मृतकों की बढ़ती संख्या के मद्देनजर लू को लेकर चेतावनी भी जारी की है और लोगों को दिन के समय बाहर जाने पर अपना ध्यान रखने की सलाह दी है.
ममता का सूरज भी ढलने वाला है: सुशील मोदी
बीजेपी नेता और बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने पश्चिम बंगाल की सीएम पर नीशाना साधते हुए कहा है कि 1990 के दशक में कारसेवकों पर गोली चलवाकर मुलायम सिंह यादव ने यूपी में जैसा दमन चक्र चलाया था और श्रीराम का जयघोष रोकने की कोशिश में लोगों को जेल पहुंचाया था, वही स्थिति ममता बनर्जी ने पश्चिम बंगाल में पैदा कर दी है.
सुशील मोदी ने ट्वीट किया, ‘’ममता बनर्जी टीएमसी कार्यकर्ताओं की गुंडागर्दी, शासन में भ्रष्टाचार, चिटफंड घोटाला, बढ़ती बेरोजगारी और लोकसभा चुनाव के झटके से ध्यान हटाने के लिए हिंसा की राजनीति पर उतर आई हैं. जय श्रीराम बोलने वालों को धमकी, विजय रैली पर लाठीचार्ज, डाक्टरों से मारपीट और हिंदीभाषियों के खिलाफ लोगों को उकसाना मुख्यमंत्री की जमीन खिसकने का संकेत है. मुलायम और लालू प्रसाद की तरह ममता बनर्जी के राज का सूरज भी डूबने वाला है.’’
सीएम नीतीश ने एक बार फिर उठाया विशेष राज्य का मुद्दा
बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने केंद्र सरकार के सामने एक बार फिर से बिहार को विशेष दर्जा देने की मांग रखी है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई नीति आयोग की गवर्निंग काउंसिल की बैठक में बिहार में तेज गति से विकास हो सके, इसलिए सीएम ने ये मांग पीएम मोदी के सामने रखी.
सीएम नीतीश ने कहा कि आर्थिक रणनीति वही होगी जो निवेश और हस्तांतरण पद्धति को प्रोत्साहित करे, जिससे बिहार जैसे पिछड़े राज्यों को एक निर्धारित समय में विकास के राष्ट्रीय एवरेज तक पहुंचने में मदद मिले. हमारी विशेष दर्जे की मांग इसी अवधारणा पर है.
सीएम ने कहा कि कई वर्षों से 10 फीसदी से ज्यादा का आर्थिक विकास दर हासिल करने के बाद भी बिहार में प्रति व्यक्ति आय बाकी के विकसित राज्यों और राष्ट्रीय ऐवरेज की तुलना में बेहद कम है. जिसके लिए लंबे समय से मांग की जा रही है.
(इनपुट आईएएनएस से)
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)