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Qपटना: बाहर फंसे बिहारियों के लिए 100 करोड़, मरीजों की संख्या हुई 7

Qपटना में पढ़िए बिहार की सभी प्रमुख खबरें

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राज्य
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बिहार में कोरोना मरीजों की संख्या 7 हुई, पटना का युवक मिला संक्रमित

बिहार के कोरोना पॉजिटिव की संख्या बढ़कर सात हो गई है. पटना के रहने वाले 20 वर्षीय युवक कोरोना पॉजिटिव पाया गया. उसका इलाज पटना के नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल (एनएमसीएच) के आइसोलेशन वॉर्ड में चल रहा है. स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि पटना के एक 20 वर्षीय युवक में कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई है. युवक की कोई ट्रैवल हिस्ट्री नहीं है. प्रशासन को इस बारे में सूचित कर दिया गया है. अब संक्रमित युवक के संपर्क में आने वाले लोगों की सूची बनाई जाएगी और उनके रक्त के नमूने जांच के लिए भेजे जाएंगे. तब तक इन सभी को अलग-थलग रखा जाएगा.

अधिकारी ने बताया कि पटना के राजेंद्र मेमोरियल चिकित्सा विज्ञान अनुसंधान (आरएमआरआई) के मुताबिक, गुरुवार को 45 लोगों के ब्लड सैंपलों की जांच की गई, जिन में से 44 लोगों की रिपोर्ट निगेटिव पाई गई, जबकि एक में कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई है.

स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि संदिग्ध मरीजों को सर्विलांस पर रखा गया. राज्य के सात पॉजिटिव मरीजों में से तीन मुंगेर और चार राजधानी पटना के हैं. इनमें से मुंगेर के रहने वाले एक मरीज की मौत हो चुकी है. इस बीच, शहर के बाद अब कोरोना वायरस से चक्र को तोड़ने के लिए गांव में लॉकडाउन का पालन करने को लेकर सख्त कदम उठाने का निर्णय लिया गया है. इस मामले को लेकर राज्य के मुख्य सचिव दीपक कुमार ने बुधवार को राज्य के मुखियाओं से वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिए बात की और उनसे इस कार्य में सहयोग देने की अपील की.

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बिहार के बाहर फंसे लोगों को दी जाएगी मदद, 100 करोड़ रुपये जारी : नीतीश

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में गुरुवार को कोरोना संक्रमण रोकने और लॉकडाउन से उत्पन्न स्थिति पर एक उच्चस्तरीय बैठक हुई. बैठक में पटना तथा अन्य शहरों में रहने वाले दैनिक मजदूर और अन्य राज्यों के व्यक्ति जो लॉकडाउन के कारण फंसे हुए हैं, उनके रहने और भोजन की व्यवस्था करने का निर्णय लिया गया. बैठक में मुख्यमंत्री ने निर्णय लिया कि तत्काल पटना तथा अन्य शहरों में रहने वाले रिक्शा चालक, दैनिक मजदूर और अन्य राज्यों के व्यक्ति जो लॉकडाउन के कारण फंसे हुए हैं, उनके रहने और भोजन की व्यवस्था की जाएगी.

मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है, “बैठक में इसी तरह बिहार के लोग जो अन्य राज्यों में काम करते हैं और वे लॉकडाउन के कारण वहां फंसे हुए हैं, या रास्ते में हैं, उनके लिए भी सरकार स्थानिक आयुक्त, नई दिल्ली के माध्यम से संबंधित राज्य सरकारों या जिला प्रशासन से समन्वय स्थापित कर भोजन तथा रहने की व्यवस्था करेगी.”

मुख्यमंत्री के निर्देश पर इस कार्य के लिए मुख्यमंत्री राहत कोष से आपदा प्रबंधन विभाग को 100 करोड़ रुपये की राशि जारी कर दी गई है. बिहार में पटना तथा अन्य शहरों में ऐसे लोगों के लिए वहीं पर आपदा राहत केंद्र स्थापित किया जाएगा तथा इन जगहों पर व्यवस्था करने में सोशल डिस्टेंसिंग का भी ख्याल रखा जाएगा. आपदा राहत केंद्रों पर कोरोना संक्रमण से निपटने के लिए चिकित्सक उपलब्ध रहेंगे.

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GST दाता बिना पेनल्टी 30 जून तक जमा कर सकेंगे टैक्स : सुशील मोदी

बिहार के उपमुख्यमंत्री और वित्तमंत्री सुशील कुमार मोदी ने गुरुवार को जीएसटी के तहत निबंधित सभी करदाताओं को लॉकडाउन के मद्देनजर बड़ी राहत दते हुए कहा कि अब वे 31 मार्च की जगह 30 जून तक बिना किसी विलंब शुल्क या दंड के कर का भुगतान व विवरणी दाखिल कर सकेंगे. मोदी ने कहा, "पांच करोड़ से कम टर्नओवर वाले करदाता मार्च, अप्रैल और मई का कर भुगतान व विवरणी बिना किसी ब्याज, विलंब शुल्क और दंड के 30 जून तक दाखिल कर सकेंगे. बिहार में इसका लाभ कुल करदातओं के करीब 85 प्रतिशत यानी 2़ 75 लाख लोगों को मिलेगा."

उन्होंने आगे कहा, “पांच करोड़ से अधिक टर्नओवर वाले 20 हजार करदाता भी मार्च-मई तक के कर का भुगतान 30 जून तक बिना किसी विलंब शुल्क व दंड के कर सकेंगे, लेकिन उन्हें 18 की जगह 9 प्रतिशत वार्षिक दर से ब्याज का भुगतान करना होगा.”

उपमुख्यमंत्री ने बताया कि कम्पोजिशन स्कीम के तहत निबंधित करदाताओं को जिन्हें अगले वित्तीय वर्ष में इसी स्कीम में रहना है या सामान्य जीएसटी में जाना है, के विकल्प चुनने की अवधि को भी 31 मार्च से 30 जून तक विस्तारित कर दिया गया है. ऐसे करदाता भी वर्ष 2019-20 के कर के भुगतान व विवरणी 30 जून तक दाखिल कर सकेंगे." उन्होंने कहा कि इसके अतिरिक्त जीएसटी अधिनियम के अंतर्गत जितनी भी सूचना, अधिसूचना, अपील, विवरणी, आवेदन व अन्य दस्तावेज जिन्हें 20 मार्च से 29 जून तक दाखिल करना था, की अवधि 30 जून तक बढ़ा दी गई है.

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हजारों किलोमीटर दूर मोतिहारी अपने घर जाने को रिक्शे पर निकले 5 परिवार

देश में कोरोनावायरस संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए लॉकडाउन लागू कर दिया गया है, लेकिन इससे लाखों दिहाड़ी मजदूर, रिक्शा चालक, गरीबों की जिंदगी मुश्किलों से घिर गई है. हालांकि सरकार की तरफ से मुश्किलों का हल खोजेंगे की हर कोशिश की जा रही है. बावजूद इसके कुछ लोग परेशानियों का हल ढूढ़ने में नाकामयाब होने के बाद अपने अपने घरों की तरफ चल पड़े हैं. पूरे देश मे लॉक डाउन होने की वजह से परिवहन व्यवस्था पूरी तरह से बंद है. ऐसे में कुछ पैदल ही निकल पड़े हैं, तो कुछ अपने रिक्शा पर सवार होकर निकल पड़े हैं.

ऐसा ही एक परिवार बिहार के मोतिहारी जिले के हरेंद्र महतो का है. हरेंद्र पूरा कुनबा लेकर दिल्ली से मोतिहारी के लिए बुधवार को ही निकल पड़े हैं. उनके साथ पांच और परिवार हैं. तीन रिक्शों पर सवार हरेंद्र अपने परिवार के सदस्यों और कुनबे के साथ सामान लादकर गांव की तरफ चल पड़े हैं. पांच परिवारों की समूची गृहस्थी तीन रिक्शों पर सिमट गई है.

मोतिहारी से फोन पर हरेंद्र के भाई गिरिधारी ने बताया कि भैया दिल्ली में रिक्शा चलाते हैं, उनके पास रहने के लिए कोई जगह नहीं है. ऐसे में वो क्या करते, क्या खाते और क्या अपने परिवार को खिलाते. लिहाजा, उन्होंने घर वापसी का निर्णय लिया. उनके साथ पांच और परिवार हैं जो तीन रिक्शों पर दिल्ली से मोतिहारी आ रहे हैं. गिरिधारी ने आगे बताया कि रिक्शा चलता रहा तो पांच से सात दिन लग हीं जाएंगे यहां आने में और अगर रोक लिया गया तो फिर भगवान ही मालिक. अभी फिलहाल उनके पास दो दिन के खाने का सामान है.

दिल्ली से मोतिहारी की दूरी लगभग एक हजार किलोमीटर है.

हरेंद्र कितने दिनों में पहुंचेंगे, कहना मुश्किल है, लेकिन ये सिर्फ हरेंद्र की कहानी नहीं है. दूसरे राज्य कमाने आए हर लोगों की लगभग यही कहानी है. घरों से सैकड़ों किलोमीटर दूर रहने वाले हजारों मजदूरों के सामने रोजी-रोटी की समस्या आन पड़ी है. दिल्ली की सड़कों पर काम नहीं और घर लौटने के लिए कोई साधन नहीं है. ऐसे में मजदूरों के लिए एक तरफ कुआं तो दूसरी तरफ खाई की स्थिति है. मरता क्या न करता, जैसे-तैसे घर वापसी के लिए लोग चल पड़े हैं .

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रिश्वत नहीं मिलने पर पुलिस ने चलाई गोली, वैन चालक घायल

बिहार की राजधानी पटना के दानापुर में लॉकडाउन के दौरान एक अलग तस्वीर सामने आई है. तीन पुलिसकर्मियों पर आलू से लदे एक वैन चालक पर रिश्वत नहीं देने पर गोली मार देने का आरोप लगा है. हालांकि बाद में तीनों आरोपी पुलिसकर्मियों को गिरफ्तार कर लिया गया है. पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि गुरुवार को सोनू साव अपने पिकअप वैन पर आलू लादकर दानापुर आ रहा था. आरोप है कि पीपा पुल के समीप उससे तीन पुलिसकर्मियों ने वैन को आगे जाने देने के लिए रिश्वत के रूप में पैसे की मांग की. इसके बाद वहां कई लोग जमा हो गए और पुलिसकर्मियों से कहासुनी शुरू हो गई.

आरोप है कि इसी बीच एक पुलिसकर्मी ने गोली चला दी, जो सोनू साव को जा लगी और वह घायल हो गया. सोनू के पैर में गोली लगी है.

पुलिस ने आनन-फानन में स्थानीय लोगों की मदद से दानापुर अस्पताल में उसे भर्ती कराया गया, जहां से उसे बेहतर इलाज के लिए पीएमसीएच में भेज दिया गया. पटना के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि तीनों आरोपी पुलिसकर्मियों को गिरफ्तार कर लिया गया है और पुलिस पूरे मामले की छानबीन कर रही है.

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