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Qपटना: कोरोना मरीज बढ़कर 29, राशन कॉर्डधारियों के खाते में 1000

Qपटना में पढ़िए बिहार की सभी प्रमुख खबरें

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राज्य
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बिहार में कोरोना मरीजों की संख्या बढ़कर 29 हुई

बिहार में कोरोना वायरस के संक्रमितों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. इस बीच गुरुवार को पांच लोगों को कोरोना वायरस से संक्रमित पाए जाने के बाद बिहार में कोरोना पॉजिटिव की संख्या 29 पहुंच गई है. बिहार स्वास्थ्य सोसायटी की राज्य निगरानी अधिकारी डा़ रागिनी मिश्र ने गुरुवार को बताया कि गुरुवार को राज्य में पांच नए मामले सामने आए हैं. इनमें गोपालंगज के दो तथा सारण, गया और नालंदा से एक-एक मरीज शामिल हैं. सूत्रों के मुताबिक गोपालगंज के दोनों मरीज सऊदी अरब से लौटे बताए जा रहे हैं.

कोरोना वायरस से संक्रमित, मुंगेर निवासी एक मरीज की 21 मार्च को पटना एम्स में मौत हो गयी थी, जबकि तीन मरीज इलाज के बाद ठीक हो चुके हैं

बता दें कि कतर से लौटे मुंगेर निवासी के संपर्क में आने से उसके दो पड़ोसियों में कोरोना पॉजिटिव पाया गया था. बाद में मुंंगेर के पीडित व्यक्ति को पटना के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां से भी दो लोगों को संक्रमित होने की पुष्टि हुई है. इस मरीज के संपर्क में आने से अब तक 12 लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हो चुके हैं.

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बिहार में बाहर से 1.74 लाख लोग पहुंचे : नीतीश

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ वीडियो कान्फ्रेंसिंग में शामिल हुए और राज्य में कोरोना वायरस को लेकर उठाए जा रहे कदमों की जानकारी दी. मुख्यमंत्री ने कहा कि दूसरे राज्यों से बिहार आए लोगों को स्थानीय स्तर पर चिन्हित किया गया है. ऐसे 1 लाख 74 हजार 470 लोग हैं, जिनमें 12 हजार 51 विदेशी के रूप में देश के बाहर से आए हुए लोग शामिल हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि बाहर से आए सभी लोगों को होमक्वॉरेंटीन में रखा गया है. खासकर विदेश से आए लोगों की जांच कराई जा रही है.

मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा जारी एक बयान के मुताबिक, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा, “तबलीगी जमात के कारण जो सबसे बड़ी समस्या आई है, उसके बारे में हम लोगों ने पता किया है. तबलीगी जमात के 112 लोगों की सूचियां हमलोगों को प्राप्त हुई हैं, जिसमें से बिहार के 12 लोगों की पहचान कर ली गई है. इनमें से कई लोग बिहार के बाहर ठहरे हुए हैं. 55 लोगों के पहचान की कोशिश की जा रही है, जिससे उनकी जांच हो सके.”

उन्होंने बताया कि कोरोना के मरीजों के इलाज के लिए अलग से अस्पताल के रूप में नालंदा मेडिकल अस्पताल सुनिश्चित कर दिया गया है. मुख्यमंत्री ने कई दवाइयों और जरूरी उपकरणों की उपलब्धता के विषय में भी बताया. मुख्यमंत्री ने कहा, "लेबोरेट्री टेस्ट को प्रभावी बनाने के लिए भारत सरकार से अधिकृत टेस्टिंग कीट्स और उसके साथ उपयोग में आने वाली अन्य सामग्री जैसे बीपी, आरएनए एक्सट्रैक्शन किट आदि को समाहित करते हुए एक सेट के रूप में दिया जाए, जिसका काफी अच्छा परिणाम होगा."

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खाना मांगने पर भूखे मजदूरों को गालियां देकर पीट रहे अधिकारी : तेजस्वी

बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने गुरुवार को आरोप लगाया कि औरंगाबाद में रेडक्रॉस द्वारा आयोजित कैम्प में असहाय, गरीब और भूखे मजदूरों के खाना मांगने पर अधिकारी उन्हें भद्दी-भद्दी गालियां देकर पीट रहे हैं. ऐसे अधिकारी को तुरंत बर्खास्त किया जाए. राष्ट्रीय जनता दल के नेता तेजस्वी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को संबोधित एक ट्वीट में लिखा, "नीतीश कुमार जी, औरंगाबाद में रेडक्रॉस द्वारा आयोजित कैम्प में असहाय, गरीब और भूखे मजदूरों के खाना मांगने पर आपके अधिकारी उन्हें भद्दी-भद्दी गालियां देकर पीट रहे हैं. इस अधिकारी को तत्काल बर्खास्त किया जाए. एक तो सरकार का कुप्रबंधन और ऊपर से गरीबों की पिटाई. यह कहां का न्याय है?"

उन्होंने इस ट्वीट के साथ एक निजी चैनल का वीडियो क्लिप भी शेयर करते हुए आगे लिखा, “आपकी सरकार द्वारा गरीबों के साथ किया जाने वाला यह अमानवीय व्यवहार कतई स्वीकार नहीं है.” इस वीडियो क्लिप में एक अधिकारी एक व्यक्ति को पीटते और भद्दी गालियां देते दिख रहा है.

इससे पहले नेता विपक्ष ने एक बयान जारी कर कहा कि बिहार सरकार द्वारा 40 टीमों के साथ सेटअप किए गए कंट्रोल रूम द्वारा तीन-चार दिन में 3000 कॉल प्राप्त किए गए थे. यह मुट्ठीभर आंकड़ा ही देशभर में फंसे बिहारवासियों की मदद के लिए उठाए कदमों, सरकार की गंभीरता और मंशा पर सवाल उठा रहा है. उन्होंने आगे कहा, "हमारे कार्यालय ने ही पिछले पांच दिनों में 4000 से अधिक फोन कॉल्स को अटेंड किया और पूरे देश में फंसे हजारों बिहारवासियों के लिए भोजन और राशन की व्यवस्था की. हम संबंधित राज्य सरकारों, वॉलंटियर्स और व्यक्तिगत संपर्कों के साथ समन्वय करके हजारों प्रवासियों की मदद कर रहे हैं, जबकि मुख्य रूप से यह कार्य बिहार सरकार को करना चाहिए था."

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GST संग्रह में 18 फीसदी वृद्धि के साथ बिहार देश में अव्वल : सुशील मोदी

बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि शुद्ध जीएसटी संग्रह में बिहार वित्तीय वर्ष 2019-20 में 18 प्रतिशत के साथ देश में सर्वाधिक वृद्धि हासिल करने वाला राज्य बन गया है. उन्होंने कहा कि जीएसटी के तहत पिछले साल 10,755 करोड़ रुपये का राजस्व संग्रह हुआ था, जबकि इस साल यह संग्रह बढ़कर 12,640 करोड़ रुपये हो गया है. मोदी ने कहा कि विपरीत परिस्थितियों के बावजूद वाणिज्य कर, निबंधन, परिवहन व खनन विभागों के कुल संग्रह में भी पिछले वषोर्र् की तुलना में करीब 15 प्रतिशत की वृद्धि हासिल हुई है.

मोदी ने गुरुवार को एक बयान जारी कर कहा, “वाणिज्य कर का 2018-19 की 22,656़79 करोड़ रुपये की तुलना में 2019-20 में 26,407़53 करोड़ संग्रह हुआ है, जो पिछले वर्ष से 16़ 5 प्रतिशत अधिक है. इसमें जीएसटी, बिजली अधिभार, पेशागत कर, पेट्रोलियम पदार्थो पर लगने वाला कर तथा वैट के दौर के बकाए करों की वसूली भी शामिल हैं.”

उन्होंने बताया कि परिवहन विभाग ने 2018-19 की 2085़ 94 करोड़ रुपये की तुलना में 2019-20 में 2612़ 0 करोड़ रुपये कर का संग्रह कर सर्वाघिक 25़ 22 प्रतिशत की वृद्धि हासिल की है. इसी तरह निबंधन विभाग का संग्रह विगत वर्ष 4188़ 61 करोड़ रुपये की तुलना में 2019-20 में 4422 करोड़ रुपये रहा जो पिछले वर्ष से 5़ 57 प्रतिशत अधिक है. निबंधन विभाग के अंतर्गत 250 करोड़ और अतिरिक्त संग्रह की संभावना है. खनन विभाग का कर संग्रह पिछले वर्ष 1560़ 65 करोड़ की तुलना में 2019-20 में 1611 करोड़ रुपये रहा है.

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18.40 लाख राशन कॉर्डधारियों के खाते में भेजी गई कोरोना सहायता राशि


बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गुरुवार को राज्य के सभी राशन कार्डधारियों को कोरोना सहायता के रूप में 1000 रुपये प्रति परिवार की दर से सीधे बैंक खाते में प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (डीबीटी) के माध्यम से भुगतान की योजना का माउस क्लिक कर शुभारंभ किया. गुरुवार को पहले दिन 18,40,854 लोगों के बैंक खाते में राशि भेजी गई. यह राशि नेशनल इन्फॉरमेटिक्स सेंटर (एनआईसी) के सहयोग से पब्लिक फाइनांनसियल मैनेजमेंट सिस्टम (पीएफएमएस) के द्वारा राज्य स्तर से ही सीधे लाभुकों के खाते में ट्रांसफर की जा रही है.

मुख्यमंत्री कार्यालय के एक बयान के मुताबिक, राज्य सरकार द्वारा खाद्य सुरक्षा अधिनियम अंतर्गत आच्छादित वैसे राशन कार्डधारी, जिनका आधार संख्या राशन कार्ड डाटा बेस में उपलब्ध नहीं है, वे अपने घर से ही मोबाइल द्वारा आधार संख्या आपदा प्रबंधन विभाग के बेवसाइट के माध्यम से दे सकते हैं. इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, आपदा प्रबंधन मंत्री लक्ष्मेश्वर राय, मुख्य सचिव दीपक कुमार सहित कई अधिकारी उपस्थित थे.

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