बीजेपी के बागी नेता के साथ सीएम नीतीश
झारखंड विधानसभा चुनाव से पहले एनडीए में घमासान नजर आ रहा है. बीजेपी की सहयोगी एलजेपी पहले ही अलग चुनाव लड़ने का ऐलान कर चुकी है. अब नीतीश कुमार ने बीजेपी के बागी और अपने पुराने साथी सरयू राय के लिए खुलकर मैदान में आ गए हैं.
दरअसल, सरयू राय बीजेपी से अलग होकर झारखंड के सीएम रघुवर दास के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं. सरयू को समर्थन की घोषणा करने के लिए जेडीयू नेता ललन सिंह रांची आए थे.
यही ललन सिंह चारा घोटाला मामले में सरयू राय के साथ याचिकाकर्ता भी थे. सरयू राय की छवि बीजेपी में बागी नेता की है. ऐसे में जेडीयू का राय को समर्थन देना बड़ा सियासी दांव माना जा रहा है. सरयू राय ने कहा था कि बिहार के मुख्यमंत्री के साथ उनकी नजदीकी थी इसीलिए बीजेपी ने उन्हें टिकट देने से मना कर दिया. कहा जा रहा है कि नीतीश, सरयू राय के लिए प्रचार करने के लिए भी आ सकते हैं.
खुले में शौच से मुक्त हुआ बिहार:सुशील मोदी
उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने दावा किया है कि बिहार खुले में शौच से मुक्त हो गया है. साथ ही सुशील मोदी ने बताया कि बिहार में पिछले 5 सालों में 1.13 करोड़ शौचालय बने हैं.
वर्ल्ड टॉयलेट डे के मौके पर ग्रामीण विकास विभाग की ओर से पटना में आयोजित ‘बिहार स्वच्छता संकल्प-2019' समारोह को संबोधित करते हुए सुशील मोदी ने कहा कि दुनिया के सबसे बड़े अभियान के तहत 60 महीने में 60 करोड़ आबादी के लिए 11 करोड़ से ज्यादा टॉयलेट बनाए गए. इसके साथ ही सारा देश खुले में शौच से मुक्त हो गया. वहीं 1.13 करोड़ टॉयलेट का निर्माण कर बिहार ने भी इस अभियान को सफल बनाने में बड़ी भूमिका निभाई है.
जेएनयू विवाद में बातचीत से हल निकालें:आनंद कुमार
दिल्ली में जारी जेएनयू छात्रों के फीस बढ़ोतरी के खिलाफ प्रदर्शन पर सुपर 30 के संस्थापक आनंद कुमार ने सुझाव दिया है. आनंद कुमार ने कहा है कि बातचीत कर सौहार्दपूर्ण तरीके से मामले का हल निकाला जाना चाहिए. हिंदुस्तान की रिपोर्ट के मुताबिक आनंद ने कहा है कि फीस उनके लिए ही बढ़ाई जानी चाहिए जो दे सकने में सक्षम हैं. साथ ही उन लोगों पर ध्यान देना चाहिए जो प्रतिभाशाली लेकिन जरूरतमंद हैं.
आनंद कुमार ने कहा कि गरीब मेधावी छात्रों को छात्रवृत्ति और बाकी जरियों से मदद मुहैया करानी चाहिए.
सरकार की कोशिशों के बाद भी नहीं सुधरी पटना की हवा
राजधानी पटना में सरकार के कई उपायों के बाद भी वायु प्रदूषण कम होने का नाम नहीं ले रहा है. देश में खतरनाक वायु प्रदूषण की श्रेणी वाले शहरों में पटना लगातार बना हुआ है. हालांकि बिहार सरकार का दावा है कि हवा में सुधार के लिए उसने कई कदम उठाए हैं, लेकिन इसके बावजूद स्थिति में बहुत सुधार नहीं देखा जा रहा है.
बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण परिषद के मुताबिक, ठंड के मौसम के शुरुआत यानी अक्टूबर से ही यह स्थिति बनी हुई है. 17 अक्टूबर को पटना का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 250 से ऊपर हो गया था. हाल ही में केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड कि ओर से जारी देश के 103 शहरों के वायु गुणवत्ता सूचकांक में पटना खतरनाक श्रेणी में पहुंच गया है. कहा जा रहा है कि यहां की हवा जहरीली हो गई है.
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