भारत के दूसरे सबसे ज्यादा आबादी वाले राज्य महाराष्ट्र में 23 जून से प्लास्टिक से बनने वाली सभी चीजों पर बैन लगने जा रहा है.
देवेंद्र फडणवीस सरकार ने 23 मार्च को महाराष्ट्र में प्लास्टिक और थर्मोकोल के निर्माण, इस्तेमाल और बिक्री पर बैन लगाने के लिए नोटिफिकेशन जारी किया था. इसमें सरकार ने प्लास्टिक के इस्तेमाल से जानवरों और पर्यावरण को नुकसान होने का हवाला दिया था. सरकार ने मैन्युफैक्चरर्स, डिस्ट्रीब्यूटर्स और कस्टमर्स को अपने पास मौजूद स्टॉक को खत्म करने और प्लास्टिक की जगह कोई दूसरा विकल्प चुनने के लिए तीन महीने का समय दिया था.
किन प्लास्टिक प्रोडक्ट पर लगा बैन
अधिसूचना के मुताबिक, प्लास्टिक और थर्मोकोल से बनने वाले प्रोडक्ट को बैन किया गया है. इसमें प्लास्टिक बैग, डिस्पोजेबल कप, थर्माकोल की प्लेट, चम्मच, कांटे, चश्मा और कंटेनर शामिल हैं. इसके अलावा प्लास्टिक स्ट्रॉ, पाउच और पैकिंग वाली पन्नी भी राज्य के बैन में शामिल है. सजावट के लिए प्लास्टिक और थर्माकोल का इस्तेमाल भी प्रतिबंधित है.
किन प्लास्टिक प्रोडक्ट पर नहीं है बैन
- दवाओं की पैकेजिंग वाली प्लास्टिक
- प्लास्टिक टिफिन, पानी की बोतल
- दूध की पैकेजिंग वाली प्लास्टिक
- कृषि प्रयोजनों के लिए उपयोग किए जाने वाले कंपोस्टेबल पैकेजिंग बैग
- माल के निर्यात के लिए इस्तेमाल प्लास्टिक बैग
- मैन्युफैक्चरिंग के लिए इस्तेमाल प्लास्टिक
- कचरे के संचालन के लिए इस्तेमाल प्लास्टिक
- ऐल्युमिनियम फाइल
प्लास्टिक के इस्तेमाल पर क्या है सजा?
अधिसूचना के मुताबिक, पहली बार नियमों का उल्लंघन करने वालों पर 5,000 रुपये, दूसरी बार 10,000 रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा. तीसरे बार पकड़े जाने पर 25,000 रुपये के जुर्माने के साथ तीन महीने के लिए जेल की सजा भी हो सकती है.
ये बैन महाराष्ट्र में लागू किया जाएगा. ऐसे में देश के दूसरे राज्यों से महाराष्ट्र में आने वाले यात्रियों को भी प्लास्टिक के इस्तेमाल में खास सावधानी बरतनी होगी.
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