उत्तर प्रदेश में 9 जुलाई की सुबह पुलिस 'एनकाउंटर' में मारे गए प्रभात मिश्रा उर्फ कार्तिकेय के मामले में एक नया विवाद खड़ा हो गया है. दरअसल प्रभात की हाईस्कूल की मार्कशीट, सर्टिफिकेट, आधार कार्ड के आधार पर उसके नाबालिग होने का दावा किया जा रहा है. इन दस्तावेजों के मुताबिक उसकी जन्मतिथि 27 मई 2004 बताई जा रही है.
प्रभात को कानपुर में 8 पुलिसकर्मियों की हत्या के मुख्य आरोपी और कुख्यात गैंगस्टर विकास दुबे का सहयोगी बताया गया था.
पुलिस ने बताया था कि 8 जुलाई को फरीदाबाद क्राइम ब्रांच ने विकास के साथी प्रभात मिश्रा और दो अन्य लोगों को गिरफ्तार किया गया था.
फरीदाबाद की कोर्ट में पेश करने के बाद यूपी पुलिस प्रभात को ट्रांजिट रिमांड पर कानपुर ला रही थी और एसटीएफ की टीम एस्कॉर्ट कर रही थी. पुलिस ने बताया कि कानपुर में आने पर पनकी थाना क्षेत्र में गाड़ी पंक्चर हो गई, इस बीच प्रभात मौका पाते ही पुलिस की पिस्टल छीनकर भागने लगा और पीछा करने पर पुलिस पार्टी पर फायरिंग की. बताया गया कि इसमें एसटीफ के दो आरक्षी घायल हो गए, वहीं जवाबी फायरिंग में गोली लगने से प्रभात भी घायल हो गया. उसे अस्पताल ले जाया गया, जहां उसकी मौत हो गई.
इस मामले पर प्रभात की बहन का दावा है कि उनके परिवार की कोई आपराधिक पृष्ठभूमि नहीं है. उनका आरोप है कि उनके भाई को बिना किसी गलती के मार दिया गया.
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