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Qलखनऊ:UP में 1510 कोरोना केस,किसानों को निर्बाध बिजली देने के आदेश

पढ़िए, उत्तर प्रदेश की बड़ी खबरें एक साथ 

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यूपी में कोरोना केस की संख्या 1510 हुई

उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस लगातार अपने पांव पसारता जा रहा है. प्रदेश में गुरुवार की सुबह तक 61 पॉजिटिव मामले बढ़ गए. अब सूबे में पॉजिटिव केस की संख्या 1510 हो गई है. इस संक्रमण से 56 जिले प्रभावित हैं. संक्रामक रोग विभाग के संयुक्त निदेशक डॉ. विकासेंदु अग्रवाल ने बताया कि प्रदेश के आगरा में अब तक 336, लखनऊ में 174, गाजियाबाद में 52, नोएडा में 103, लखीमपुर खीरी में 4, कानपुर में 96, पीलीभीत में 2, मुरादाबाद में 97, वाराणसी में 19, शामली में 26, जौनपुर में 5, बागपत में 15, मेरठ में 85, बरेली में 6, बुलंदशहर में 22, बस्ती में 20, हापुड़ में 18, गाजीपुर में 6, आजमगढ़ में 7, फिरोजाबाद में 66, हरदोई में 2, प्रतापगढ़ में 6, सहारनपुर में 98 लोग संक्रमित हुए हैं.

इसी तरह शाहजहांपुर में 1, बांदा में 3, महाराजगंज में 6, हाथरस में 4, मिर्जापुर में 3, रायबरेली में 43, औरैया में 10, बाराबंकी में 1, कौशांबी में 2, बिजनौर में 29, सीतापुर में 17, प्रयागराज में 1, मथुरा में 7, बदायूं में 13, रामपुर में 16, मुजफ्फरनगर में 12, अमरोहा में 23, भदोही में 1, इटावा में 3, कासगंज में 2, संभल में 8, उन्नाव में 1, कन्नौज में 6, संत कबीर नगर में 2, मैनपुरी में 4, गोंडा में 1, मऊ में 1, एटा में 3, सुल्तानपुर में 2, अलीगढ़ में 8, श्रवास्ती में 3, बहराइच में 8, बलरामपुर में 1 व्यक्ति कोराना संक्रमित हुए हैं.

प्रदेश में कोरोना संक्रमण से अब तक 24 लोगों की मौत हो गई है. अभी तक 206 लोग ठीक हो चुके हैं.

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किसानों को मिले निर्बाध बिजली : ऊर्जा मंत्री

उत्तर प्रदेश के ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने निर्देश दिया है कि इस समय गेहूं की कटाई और गन्ने की बुआई का सीजन चल रहा है, ऐसे में कृषि फीडर पर सुबह 7 से शाम 5 बजे तक 10 घंटे निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित की जाए, किसानों को कोई समस्या न हो और उन्हें निर्बाध बिजली मिले. ऊर्जा मंत्री ने यह आदेश गुरुवार को शक्तिभवन से सहारनपुर और मुरादाबाद मंडलों के जनप्रतिनिधियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग कर लॉकडाउन के दौरान विद्युत आपूर्ति की समीक्षा के दौरान दिए.

वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में सहारनपुर, शामली, मुजफ्फरनगर, मुरादाबाद, रामपुर, संभल, अमरोहा और बिजनौर के संसद, मंत्री और विधायकों के साथ जूनियर इंजीनयर स्तर तक के सभी अधिकारी शामिल रहे.

पहली मई से सभी जिलों में डाकिए पहुंचाएंगे टीबी मरीजों के सैंपल

उत्तर प्रदेश में पहली मई से सभी 75 जिलों में डाकिए टीबी मरीजों का सैंपल लैब तक पहुंचाने जा रहे हैं. इसे लेकर स्वास्थ्य भवन में राज्य क्षय रोग विभाग और भारतीय डाक विभाग में विधिवत एक करार हुआ है.

चिकित्सा और स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. रुकुम केस की उपस्थिति में इस करार पर राज्य क्षय रोग कार्यक्रम अधिकारी डॉ. संतोष गुप्ता और डाक विभाग के सहायक निदेशक (पीडी) ओम प्रकाश ने हस्ताक्षर किए. इसके तहत पहली मई से प्रदेश के सभी 75 जिलों में टीबी मरीजों का सैंपल लैब तक पहुंचाने का काम अब डाकिए करेंगे. इससे पहले यह सैंपल कोरियर से भेजे जाते थे, जिससे रोगियों की पहचान और इलाज में विलंब होता था. इस करार के साथ ही प्रदेश इस नई व्यवस्था को लागू करने वाला देश का पहला राज्य बन गया है.

इस करार के मुताबिक, प्रदेश के करीब 2300 अधिकृत टीबी जांच केंद्र (डीएसटी) से 24 घंटे के अंदर 142 सीबीनाट मशीन सेंटर तक सैंपल पहुंचाने का काम डाक विभाग करेगा. इसके साथ ही 142 सीबीनाट मशीन सेंटर से प्रदेश के आठ जिलों (लखनऊ, आगरा, अलीगढ़, बरेली, मेरठ, वाराणसी, गोरखपुर और इटावा ) में स्थित ड्रग कल्चर सेंसटिविटी टेस्ट सेंटर तक 48 घंटे के अंदर सैंपल पहुंचाने का काम किया जाएगा.

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20 से ज्यादा कोरोना केस वाले जिलों में 2 अफसर तैनात रहेंगे

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी अदित्यनाथ ने 20 से ज्यादा COVID-19 केस वाले जिलों में दो-दो प्रशासनिक अधिकारियों को तैनात करने के निर्देश दिए हैं. गुरुवार को लखनऊ के लोकभवन में कोरोना वायरस के प्रकोप के बारे में की गई प्रेस कॉन्फ्रेंस में अपर मुख्य सचिव (गृह) अवनीश कुमार अवस्थी ने बताया कि मुख्यमंत्री ने 20 से ज्यादा COVID-19 केस वाले जिलों की विशेष रूप से समीक्षा की है और इन जिलों में 1 प्रशासनिक अधिकारी और 1 स्वास्थ्य विभाग का वरिष्ठ अधिकारी भेजने का निर्देश दिया है.

उन्होंने बताया कि वर्तमान में 20 या 20 से ज्यादा कोरोना केस वाले 15 जिले हैं, जिनमें इन अधिकारियों को भेजने की तैयारी है. ये अधिकारी 7 दिनों तक इन जिलों में कैंप कर लॉकडाउन, मेडिकल और प्रशासनिक क्वॉरंटीन सेंटर, सामुदायिक रसोई और आश्रय गृहों सहित पूरे हालात की समीक्षा करेंगे.

अवस्थी ने बताया कि जिन जिलों में मंडल स्तर पर आईजी और डीआईजी स्तर के अधिकारी की तैनाती नहीं है, वहां एक डीआईजी स्तर का पुलिस अधिकारी भी जाएगा.

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