Rajasthan Budget 2023: राजस्थान में बजट पेश करने के दौरान बड़ी लापरवाही देखने को मिली है. बीजेपी ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (CM Ashok Gehlot) पर पुराना बजट भाषण पढ़ने का आरोप लगाया है. जानकारी के मुताबिक, शुक्रवार को सीएम गहलोत अपने मौजूदा कार्यकाल का आखिरी बजट पेश कर रहे थे. इस दौरान उन्होंने पिछले बजट की घोषणाएं पढ़ डाली. जिसके बाद विपक्ष ने हंगामा कर दिया. बाद में सीएम गहलोत ने सफाई देते हुए कहा कि गलती से पुराना पन्ना पढ़ दिया. सीएम ने माफी मांगी और कहा कि ये मानवीय भूल थी.
विधानसभा की कार्यवाही स्थगित
भारी हंगामा करते हुए विपक्षी विधायक वेल तक पहुंच गए. विपक्ष ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री ने पुराना बजट पढ़ा है. भारी हंगामे के कारण सदन आधे घंटे के लिए स्थगित कर दी गई.
वहीं सीएम गहलोत ने बीजेपी पर पलटवार करते हुए ट्वीट किया, "बीजेपी सिर्फ यह दिखाना चाहती है कि वह राजस्थान के विकास और तरक्की के खिलाफ है. इनका मन-गढ़ंत आरोप कि बजट लीक हो गया यह दर्शाता है कि बजट को भी यह अपनी ओछी राजनीति से नहीं छोड़ेंगे. 'बचत, राहत, बढ़त' में एक ही बाधा है- बीजेपी."
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव ऊषा शर्मा को तलब किया और अफसरों की लापरवाही पर नाराजगी जताई है.
बीजेपी ने बजट लीक का आरोप लगाया
इस मामले को लेकर बीजेपी गहलोत सरकार पर हमलावर है. पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने कहा कि, "8 मिनट तक सीएम पुराना बजट पढ़ते रहे. जब मैं सीएम थी तो बजट पेश करने से पहले बार-बार चेक करती थी और फिर पढ़ती थी. आप कल्पना कर सकते हैं कि पुराने बजट को पढ़ने वाले मुख्यमंत्री के हाथों में राज्य कितना सुरक्षित है."
वहीं नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि, "यह बजट पेश नहीं किया जा सकता. क्या ये लीक हुआ था?" तो वहीं बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया ने भी ट्वीट कर बजट लीक होने का आरोप लगाया है.
उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने ट्वीट किया,
"राज्य में लोकतंत्र के सबसे बड़े मंदिर राजस्थान की विधानसभा आज कलंकित हुई है. राजस्थान के इतिहास में ऐसा पहली बार है, जब संविधान के आर्टिकल 202 के तहत महामहिम राज्यपाल महोदय से अनुमति लेकर जो बजट 11 बजे पढ़ा जाना चाहिये था. उसकी बजाय मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जी द्वारा पूर्व के बजट का अध्ययन करके ना केवल संवैधानिक प्रावधानों की धज्जियां उड़ाई गई है बल्कि विधानसभा को अपमानित किया गया है. मेरी मांग है कि बजट सत्र को स्थगित करना चाहिए और महामहिम राज्यपाल से पुनः अनुमति लेनी चाहिए."
बता दें कि ये मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के मौजूदा कार्यकाल का आखिरी बजट है. गहलोत बतौर वित्त मंत्री 10वीं बार बजट पेश कर रहे थे. पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे भी बतौर वित्त मंत्री 10 बार बजट पेश कर चुकी हैं.
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