राजस्थान (Rajasthan) के हनुमानगढ़ में सोमवार, 8 मई को भारतीय वायुसेना का मिग-21 लड़ाकू विमान (MIG-21 Crash) दुर्घटनाग्रस्त हो गया. जानकारी के मुताबिक, विमान क्रैश होने के बाद एक मकान पर गिरा. जिसमें तीन लोगों की मौत हो गई. वहीं इस हादसे में पायलट सुरक्षित है और उसे हल्की चोटें आई हैं. मौके पर बचाव अभियान जारी है.
भारतीय वायुसेना की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि, "वायुसेना के MiG-21 ने आज सुबह नियमित प्रशिक्षण उड़ान भरी थी. तभी यह दुर्घटनाग्रस्त हो गया. दोनों पायलट खुद को सुरक्षित निकालने में सफल रहे. हादसे के कारणों का पता लगाने के लिए जांच शुरू कर दी गई है."
बता दें कि इसी साल जनवरी में एमपी के मुरैना में एयरफोर्स के दो फाइटर प्लेन- सुखोई-30 और मिराज 2000 विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गए थे. हादसे में एक पायलट की मौत हो गई थी. जबकि दो पायलट घायल हुए थे. एक विमान जलकर पहाड़गढ़ इलाके में ही गिर गया, जबकि दूसरे का मलबा भरतपुर इलाके में पड़ा मिला था.
MiG 21 का इतिहास
इंडियन एयरफोर्स का मिग-21 (MiG-21) लड़ाकू विमान अक्सर क्रैश या अन्य दुर्घटनाओं की वजह से सुर्खियों में बना रहता है.
वायुसेना ने पहली बार साल 1963 में अपनी युद्ध क्षमता को बढ़ाने के लिए सोवियत मूल के 874 सुपरसोनिक लड़ाकू विमानों- मिग-21 को अपने बेड़े में शामिल किया था, लेकिन उनमें से 400 से ज्यादा मिग-21 विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गए हैं.
भारतीय वायुसेना की रीढ़ की हड्डी माने जाने वाले मिग विमानों को "फ्लाइंग कॉफिन" यानी उड़ता ताबूत और "विडो मेकर" यानी विधवा बनाने वाला विमान भी कहा जाता है.
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