राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने राजस्थान के जालोर के सरस्वती विद्यालय में पढ़ने वाले अनुसूचित जाति के कक्षा तीन के छात्र की मौत का स्वत: संज्ञान लिया है, जिसे कथित तौर पर स्कूल के प्रधानाध्यापक ने पीटा था और बाद में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई थी।
आयोग ने मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक, राजस्थान को नोटिस जारी कर मामले में विस्तृत रिपोर्ट मांगी है, जिसमें पुलिस द्वारा की जा रही जांच की वर्तमान स्थिति और जिम्मेदार प्रधानाध्यापक के खिलाफ की गई कार्रवाई शामिल है।
आयोग ने कहा कि राजस्थान के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) से यह स्पष्ट होने की उम्मीद है कि पीड़ित परिवार के प्रयासों के बावजूद पुलिस ने 23 दिनों तक इस मामले में प्राथमिकी दर्ज क्यों नहीं की।
अनुसूचित जाति/जनजाति अधिनियम के प्रावधानों के तहत सांविधिक राहत के भुगतान की स्थिति के अलावा आयोग ने राज्य सरकार से यह भी जानकारी मांगी है कि अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति सहित समाज के कमजोर वर्गों के साथ इस तरह के अमानवीय और क्रूर कृत्यों को रोकने के लिए क्या कदम उठाए गए हैं या क्या किए जाने का प्रस्ताव है।
आयोग ने राज्य सरकार और पुलिस प्रमुख से चार सप्ताह के भीतर जवाब देने को कहा है।
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