केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि राष्ट्रीय राजधानी में भीड़भाड़ को काम करने के लिये 31,930 करोड़ रुपये की बड़ी परियोजनाएं तैयार की गयी हैं. इसमें द्वारका एक्सप्रेसवे के विकास के लिये 6,000 करोड़ रुपये की परियोजना शामिल है.
गडकरी ने कहा कि मोदी सरकार का दृष्टिकोण राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में बिना किसी रूकावट के यातायात व्यवस्था सही करने के साथ वाहन प्रदूषण में कमी लाना है. ये परियोजनाएं उसी के मुताबिक हैं. इनमें से कुछ पर तेजी से काम जारी है.
हमने दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में भीड़भाड़ और बड़ी समस्या बन चुके वाहन प्रदूषण में कमी लाने के लिये 31,930 करोड़ रुपये मूल्य की परियोजनाओं पर काम शुरु किया है.नितिन गडकरी, केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री
मंत्री ने कहा कि 12,000 करोड़ रुपये की ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे और 6,000 करोड़ रुपये की लागत वाले दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे पर काम तेजी से हो रहा है और 6,000 करोड़ रुपये की लागत वाले द्वारक एक्सप्रेसवे के विकास के लिये बोली आमंत्रित की गई हैं.
धौला कुआं-हवाईअड्डा गलियारा से भीड़ को कम करने के लिये काम पहले ही बांटे जा चुके हैं. इस पर 260 करोड़ रुपये की लागत आएगी. इसके अलावा दिल्ली के लिये 5,000 करोड़ रुपये की लागत से रिंग रोड की नई परियोजना (यूईआर) पर विस्तृत परियोजना पर काम जारी है.नितिन गडकरी, केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री
पिछले महीने एक बैठक में गडकरी ने अधिकारियों से अर्बन एक्सटेंशन रोड (यूईआर) परियोजना के काम में तेजी लाने को कहा था. बैठक में यह भी फैसला किया गया कि यूईआर दो के अंतर्गत पहले चरण में अतिरिक्त लागत का वहन 50:50 के अनुपात एनएचएआई ओर डीडीए करेगा. बैठक में दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल भी शामिल थे.
दिल्ली के लिये मास्टर प्लान के तहत यूईआर दो का प्रस्ताव किया गया है जो राष्ट्रीय राजमार्ग 1, 10 और 8 को जोडेगा. इस सड़क से रिंग रोड और आउटर रिंग रोड पर भीड़ में कमी आएगी.
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