नागरिकता कानून के विरोध में किये गए एक नाटक को लेकर चर्चा में रहे बीदर के शाहीन उर्दू प्राइमरी स्कूल को अब क्वारंटीन सेंटर बना दिया गया है. कर्नाटक सरकार अब यहां कोरोना संदिग्ध मरीजों को रखेगी. इस हफ्ते के शुरुआत में जिला प्रशासन ने शाहीन ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस के चेयरमैन डॉ. अब्दुल कादिर से बातचीत कर स्कूल कैंपस को क्वारंटीन सेंटर बनाने का फैसला किया.
जनवरी महीने में नागरिकता कानून के विरोध में यहां एक नाटक किया गया था, जिसको लेकर काफी बवाल मचा था. स्कूल के बच्चों पर राजद्रोह का केस किया गया था. 3 मिनट के उस प्ले के लिए पुलिस पर 9 से 12 साल के बच्चों से पूछताछ को लेकर कई सवाल उठे थे. बच्चों के पैरेट्ंस और टीचर्स ने ये भी आरोप लगाया था कि उनके स्कूल को जानबूझकर निशाना बनाया जा रहा क्योंकि वो एक विशेष समुदाय से संबंधित है.
“हमारे पास लगभग 193 लोग हैं जो अभी मेन ब्रांच में क्वारंटीन हैं. पहले ये संख्या 130 थी मगर बुधवार को यहां 60 और लोगों को शिफ्ट किया गया. यहां रह रहे लोगों में पुरुष, महिलाएं और बच्चे शामिल हैं, जो कोविड 19 मरीजों के संपर्क में आए थे. इन लोगों को यहां लाएगा क्योंकि उनके इलाके में इन्हें क्वारंटीन करने पर आसपास के लोगों डर सता रहा था कि कहीं वो भी इस वायरस से संक्रमित ना हो जाए.थाउसेफ मदिकेरी, शाहीन ग्रुप के सीईओ
लोगों की जरूरतों का पूरा ध्यान रखा जा रहा है
मदिकेरी के बताया कि, इन लोगों को पहले बीदर में पिछड़ी जाति और अल्पसंख्यकों के लिए बने सरकारी हॉस्टल में रखा जा रहा था, लेकिन स्थानीय लोगों की आपत्ति के बाद उन्हें यहां शिफ्ट किया गया.
” हम यहां लोगों की पूरी जरूरतों का ध्यान रख रहे हैं, उन्हें हेल्दी खाना, मास्क और अन्य जरूरी चीजे दी जा रही है. इनके ब्लड सैंपल को भी जांच के लिए गुलबर्ग भेजा गया है, जिसमे थोड़ा वक्त लगेगा तब तक ये यहां आराम से रह सकते हैं.”
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