सुप्रीम कोर्ट ने 'वन नेशन वन राशन कार्ड' सिस्टम पर पश्चिम बंगाल सरकार को सख्त निर्देश दिए हैं. कोर्ट ने कहा है कि राज्य सरकार इसे बिना किसी आनाकानी के तुरंत लागू करे. कोर्ट ने कहा कि ये प्रवासी मजदूरों से जुड़ा मामला है ऐसे में किसी दूसरी शिकायत का हवाला देकर इसे टाला नहीं जा सकता है,.
आप एक या दूसरी समस्या का हवाला नहीं दे सकते. ये प्रवासी मजदूरों के लिए है.सुप्रीम कोर्ट
बता दें कि केंद्र सरकार की इस महत्वकांक्षी योजना के तहत पूरे देश में पीडीएस के लाभार्थियों को कहीं भी सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत संचालित राशन की दुकानों से उनके हिस्से का राशन मिलता है.
'वन नेशन-वन राशन कार्ड' सिस्टम क्या है?
'वन नेशन-वन राशन कार्ड' सिस्टम को 'नागरिक-केंद्रित सुधार' माना जाता है.इसका लक्ष्य देशभर की राशन दुकानों पर लाभार्थियों के लिए राशन सुनिश्चित करना है, खासकर प्रवासी मजदूर और परिवारों के लिए जो नेशनल फूड सिक्योरिटी एक्ट (NFSA) या किसी दूसरी वेलफेयर स्कीम के तहत आते हैं. इस सिस्टम के जरिए राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के प्रवासी लाभार्थी, जो अस्थायी रोजगार या किसी दूसरी वजह से अपना निवास स्थान बार-बार बदलते रहते है, उनके पास अब देश में अपनी पसंद की किसी भी उचित दर दुकान पर लगे इलेक्ट्रोनिक पॉइंट ऑफ सेल (ई-पीओएस) उपकरण पर बायोमेट्रिक/आधार कार्ड आधारित प्रमाणन द्वारा अपने उसी/मौजूदा राशन कार्ड का उपयोग करके अपने कोटे से अनाज ले सकते हैं.
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