राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) के तीन भाषा फॉर्मूले को लेकर तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ईके पलानीस्वामी ने कहा है कि राज्य में पहले से लागू दो भाषा नीति में कोई बदलाव नहीं होगा. उन्होंने कहा, ''राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 में केंद्र सरकार द्वारा लाई गई 3 भाषा नीति से हम दुखी हैं. हमारा राज्य दशकों से 2 भाषा नीति का पालन कर रहा है और इसमें कोई बदलाव नहीं होगा.''
पलानीस्वानी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील करते हुए कहा, ‘’मैं प्रधानमंत्री से अनुरोध करता हूं कि वह तमिलनाडु के लोगों की तीन भाषा नीति पर पुनर्विचार करने की एकमत मांग पर ध्यान दें और राज्यों को अपनी नीति के हिसाब से फैसला करने की अनुमति दें.’’
नई शिक्षा नीति डिजिटल विभाजन लाएगी: कांग्रेस
NEP 2020 पर कांग्रेस का कहना है कि यह नीति देश में डिजिटल विभाजन (डिजिटल डिवाइड) पैदा करेगी. कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने इसे लेकर कहा, "NEP 'डिजिटल डिवाइड' बनाकर गरीबों और वंचितों को अलग-थलग रखने को बढ़ावा देगी. हाशिए वाले वर्गों के 70 प्रतिशत से अधिक बच्चों को पूरी तरह से बाहर रखा जा सकता है, जैसा कि COVID-19 महामारी के दौरान ऑनलाइन कक्षाओं तक पहुंच के दौरान देखा जा सकता है. ग्रामीण क्षेत्रों में अनुपस्थित या कम इंटरनेट कनेक्टिविटी/कंप्यूटर के उपयोग के कारण ग्रामीण बनाम शहरी विभाजन जैसी चीजें भी देखने को मिलेंगी."
पार्टी ने शिक्षा पर GDP के 6 फीसदी खर्च करने की NEP की सिफारिश पर भी सवाल उठाया और कहा कि बीजेपी की अगुवाई वाली सरकार में बजट के प्रतिशत के रूप में शिक्षा पर खर्च 2014-15 में 4.14 फीसदी के मुकाबले घटकर 2020-21 में 3.2 फीसदी हो गया.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)