महान फोटोग्राफर और लेखक रोजर करास ने लिखा है कि कुत्ते हमारी पूरी जिंदगी नहीं होते, लेकिन वे हमारे जिंदगी को संपूर्ण जरूर बनाते हैं. इंसान के सबसे वफादार दोस्त माने जाने वाले इस जानवर पर कई फिल्में आपने पर्दे पर देखी होंगी या किस्से सुने होंगे. एक ऐसी ही खबर तमिलनाडु (Tamil Nadu) से आई है जहां 82 वर्षीय रिटायर्ड सरकारी कर्मचारी मुथु जी ने शिवगंगा के मनामदुरै में अपने मर चुके कुत्ते टॉम की याद में एक स्टैच्यू (Dog marble statue) बनाया है.
मुथु जी ने टॉम की संगमरमर का स्टैच्यू बनाने पर 80,000 रुपये खर्च किए हैं. इस स्टैच्यू को इस साल जनवरी में स्थापित किया गया था.
अपने बच्चों से भी अधिक प्यारा था टॉम
न्यूज एजेंसी ANI के अनुसार हुए मुथु जी ने कहा कि उन्हें अपने खुद के बच्चे की तुलना में अपने कुत्ते से ज्यादा लगाव है. "टॉम 2010 से मेरे साथ था लेकिन 2021 में उसकी मृत्यु हो गई. मेरे दादा-दादी और पिता सभी को कुत्तो से प्यार था"
इतना ही नहीं मुथु और उनके बेटे मनोज कुमार हर पर्व और शुक्रवार को टॉम के स्टैच्यू पर भोग और फूल-माले का चढ़ावा चढ़ाते हैं.
फिर याद आई Hachi: A Dog's Tale फिल्म की कहानी
अगर आपने वर्ल्ड फेमस फिल्म Hachi: A Dog's Tale देखी होगी तो तमिलनाडु की यह खबर सुनकर आपको म्यूजिक प्रोफेसर पार्कर विल्सन और उनके कुत्ते हाचिको की याद आ गयी होगी. हाचिको द्वारा अपने मालिक पार्कर विल्सन के लिए स्टेशन पर सालों इंतजार करने के दृश्य ने हमें अंदर तक भावुक कर दिया था. इस बार तमिलनाडु में किस्सा बस इतना अलग है कि टॉम की मौत चुकी है और मुथु जी हर शुक्रवार उसके स्टैच्यू पर प्यार का चढ़ावा चढ़ाते हैं.
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