बिहार विधानसभा में मंगलवार को जमकर हुए बवाल और विधायकों के साथ हुई बदसलूकी के बाद आरजेडी ने बिहार बंद का ऐलान किया है. बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम और आरजेडी नेता तेजस्वी यादव का कहना है कि उनकी पार्टी 26 मार्च को काला दिवास के तौर पर मनाएगी और बिहार बंद करेगी.
बता दें कि ये पूरा बवाल बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस बल 2021 बिल को लेकर है, जिसे विधानसभा से पारित करा लिया गया है. राबड़ी आवास पर आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी ने कहा, ‘बिहार विधानसभा में विपक्ष के विधायकों को पीटा गया है, वो मैं भूलने वाला नहीं हूं.’
तेजस्वी ने कहा,
बिहार बंद. बिहार विधानसभा में CM द्वारा लोकतंत्र का चीरहरण,विधायकों की पिटाई, बेरोजगारी, महंगाई, किसान बिल के विरुद्ध कल, 26 मार्च को पूरे महागठबंधन ने बिहार बन्द का आह्वान किया है. सभी बिहारवासी इस बन्द में बढ़ चढ़कर हिस्सा लें और इस अहंकारी सरकार के विरुद्ध आवाज बुलंद करें.”
नीतीश पर तेजस्वी का हमला
तेजस्वी यादव ने विपक्षी पार्टी के विधायकों की पिटाई पर सीएम नीतीश पर हमला बोला. उन्होंने कहा, “मुख्यमंत्री जी मर्यादा की बात कर रहे हैं, ये तब कहां थे, जब उनके मंत्री स्पीकर को उंगली दिखा कर सदन के अंदर बदतमीजी कर रहे थे. तब क्या उन्हें मर्यादा का ख्याल नहीं आया.”
क्या है पूरा मामला?
दरअसल, एनडीए सरकार ने विधानसभा में विशेष सशस्त्र पुलिस विधेयक पेश किया था, जिसे लेकर आरजेडी, कांग्रेस और लेफ्ट के विधायकों ने विरोध किया. विरोध इतना बढ़ा कि कुछ विाधायक बिल की कॉपी फाड़ने की कोशिश करने लगे. कई विधायक स्पीकर की कुर्सी तक पहुंच गए. जिसके बाद स्पीकर ने विधानसभा में पुलिस बुला ली.
विधानसभा की कई वीडियो बाहर आई है जिसमें पुलिस विधायकों को घसीटते हुए सदन से बाहर ले जाती नजर आ रही है. यही नहीं परिसर के अंदर रोहतास के करगहर से कांग्रेस विधायक संतोष मिश्रा को पुलिस ने विधानसभा पोर्टिको में जूते से मारा. काफी दूर तक उनको घसीटा भी गया.
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