ADVERTISEMENTREMOVE AD

Qलखनऊ:विवेक हत्याकांड में चार्जशीट दायर,यूपी में अलग राज्य की मांग

पढ़िए उत्तर प्रदेश की सभी बड़ी खबरें

story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा

अठावले ने पूर्वी और पश्चिमी उत्तर प्रदेश नाम से अलग राज्य की वकालत की

रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष और सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री रामदास अठावले ने बुधवार को कहा कि उत्तर प्रदेश के क्षेत्रफल और जनसंख्या को देखते हुए पश्चिमी और पूर्वी उत्तर प्रदेश नाम से अलग राज्य बनाए जाने की जरूरत है. अठावले ने अपने बयान में कहा कि अलग अलग राज्य बन जाने से जहां दोनों क्षेत्रों के विकास में तेजी आएगी, वहीं स्थानीय जनता को भी अपनी समस्याओं के निस्तारण के लिए दूर नहीं जाना पड़ेगा.

इस विषय पर उत्तर प्रदेश निर्माण संगठन के प्रतिनिधि मंडल ने मांग पत्र सौंपकर उत्तर प्रदेश राज्य का पुनर्गठन कर अलग पश्चिमी उत्तर प्रदेश राज्य का गठन किए जाने की मांग की. प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि प्रदेश की राजधानी लखनऊ दूर होने की वजह से स्थानीय जनता को असुविधाओं का सामना करना पड़ता है, वहीं हाई कोर्ट के लिए भी इलाहाबाद आना जाना पड़ता है.

अठावले ने यह भी कहा कि पहले भी वह इस मुद्दे को उठा चुके हैं और भविष्य में भी पश्चिमी और पूर्वी उत्तर प्रदेश को अलग राज्य बनाए जाने की मांग को समर्थन देते रहेंगे.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

बुलंदशहर हिंसा 'राजनीतिक षडयंत्र' है : योगी

कानून व्यवस्था के मुद्दे पर विधानसभा की कार्यवाही में बाधा पहुंचाने वाले विपक्ष को निशाने पर लेते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि बुलंदशहर की हिंसा उन लोगों का 'राजनीतिक षडयंत्र' था, जिनके पैरों के नीचे से जमीन खिसक गयी है. विपक्ष के हंगामे के चलते विधानसभा की कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित होने के बाद योगी ने मीडिया से कहा,

‘’बुलंदशहर की घटना एक साजिश थी. साजिश का पर्दाफाश हो चुका है. ये साजिश राजनीतिक षड्यंत्र था...जो कायर हैं, जो आमने सामने किसी चुनौती का सामना करने की स्थिति में नहीं हैं, वे पैरों के नीचे जमीन खिसकते देख एक दूसरे के गले मिल रहे हैं.’’
-योगी आदित्यनाथ, सीएम, उत्तर प्रदेश

योगी ने कहा, ''प्रदेश सरकार इस तरह की किसी साजिश को सफल नहीं होने देगी और सख्ती से निपटेगी. कानून का राज हर हाल में होगा.'' उन्होंने कहा कि बुलंदशहर घटना में प्रशासन ने पूरी सख्ती से कार्रवाई की है. कानून के दायरे में रहकर प्रदेश सरकार ने बडी साजिश बेनकाब की. जो लोग गोकशी कर दंगा कराना चाहते थे और अराजकता फैलाना चाहते थे, उनके मंसूबे ध्वस्त हो गये.

विवेक हत्याकांड में चार्जशीट दायर, सिपाही प्रशांत मुख्य आरोपी

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में हुए विवेक हत्याकांड में बुधवार को सीजेएम कोर्ट में चार्जशीट दाखिल किया गया. इसमें सिपाही प्रशांत कुमार को हत्या का आरोपी बताया गया है. इस मामले में सह आरोपी सिपाही संदीप के खिलाफ मारपीट की धारा में चार्जशीट दाखिल किया गया है. चार्जशीट में कई सबूतों का हवाला देते हुए प्रशांत को मुख्य आरोपी कहा गया है. तत्कालीन सीओ गोमती नगर चक्रेश मिश्रा, इंस्पेक्टर डी.पी. तिवारी पर भी कार्रवाई की बात कही गई है. विकास पांडे ने यह चार्जशीटआरोपपत्र दाखिल की.

हालांकि, यह पुलिस महानिदेशक ओ.पी. सिंह को तय करना है कि आईपीएस चक्रेश मिश्रा और डी.पी. तिवारी पर क्या कार्रवाई होने चाहिए. मामले की जांच कर रहे इंस्पेक्टर महानगर, इससे पहले एसआईटी प्रमुख आईजी लखनऊ सुजीत पांडे ने एडीजी लखनऊ को एसआईटी रिपोर्ट सौंप दी.

एसआईटी जांच के मुताबिक, वारदात के समय विवेक तिवारी की गाड़ी चल रही थी और विवेक की गाड़ी से सिपाही प्रशांत और संदीप की जान खतरे में नहीं थी. इन हालात में, सीधे निशाना लेकर विवेक पर गोली चलाना फायरिंग की ट्रेनिंग के खिलाफ है. चार्जशीट में कहा गया है कि एयर बैग खुले होने से साबित हुआ है कि गाड़ी चल रही थी और सीट बेल्ट पर खून के निशान भी मिले हैं.

एपल एरिया सेल्स मैनेजर विवेक तिवारी की गोमतीनगर में 28 सितंबर की रात गोली मारकर हत्या के आरोप में प्रशांत चौधरी और संदीप कुमार को अगले ही दिन बर्खास्त करके जेल भेजा गया था.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

पूर्व आईएएस अफसरों ने मुख्यमंत्री योगी से मांगा इस्तीफा

उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर हिंसा मामले में एकतरफ जहां विपक्ष, सरकार को घेरने में जुटा है, वहीं दूसरी ओर रियटायर्ड नौकरशाह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर सवाल खड़े कर रहे हैं. करीब तीन दर्जन पूर्व आईएएस अफसरों ने मुख्यमंत्री से इस्तीफे की मांग की है. इन सभी अफसरों ने आरोप लगाया है कि बुलंदशहर हिंसा को राजनीतिक रंग दिया गया है. अधिकारियों का कहना है कि उन्होंने इससे पहले भी कई मसलों पर खुला खत लिखा है. मुख्यमंत्री के नाम भेजे गए अपने खत में पूर्व अधिकारियों का कहना है कि योगी आदित्यनाथ ने बुलंदशहर हिंसा को गंभीरता से नहीं लिया. मुख्यमंत्री सिर्फ गोकशी मामलों पर ध्यान दे रहे हैं. इन सभी पूर्व नौकरशाहों ने योगी सरकार के खिलाफ नाराजगी जाहिर की है.

पूर्व नौकरशाहों का खत ऐसे समय आया है जब बुलंदशहर हिंसा की जांच एसआईटी ने पूरी कर ली है. इस जांच में सामने आया है कि हिंसा से पहले गोकशी हुई थी. इस आरोप में चार लोगों को गिरफ्तार भी किया गया है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का इस्तीफा मांगने वालों में पूर्व अफसर बृजेश कुमार, अदिति मेहता, सुनील मित्रा जैसे बड़े नाम शामिल हैं.

बता दें कि कि स्याना कोतवाली के चिंगरावठी गांव में गोवंश के अवशेष मिलने के बाद हिंसा भड़की थी. इसके बाद 400-500 की भीड़ ने चिंगरावठी चौकी पर हमला कर दिया और चौकी समेत कई वाहनों में आग लगा दी. इस हिंसा में इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह और एक ग्रामीण सुमित की गोली लगने से मौत हो गई थी. मामले में पुलिस ने गोकशी और हिंसा और बवाल की दो अलग-अलग एफआईआर दर्ज की है.मामले में अभी तक पुलिस ने 17 आरोपियों को गिरफ्तार किया है जबकि एक मुख्य आरोपी विशाल त्यागी ने सोमवार शाम को अदालत में सरेंडर कर दिया.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

विपक्ष ने विधान परिषद में की जमकर नारेबाजी

उत्तर प्रदेश विधान परिषद की कार्यवाही बुधवार को समाजवादी पार्टी और अन्य विपक्षी दलों के कानून व्यवस्था और किसानों के मुद्दे पर हंगामे की भेंट चढ़ गया. समाजवादी पार्टी के सदस्य सभापति के सामने आकर नारेबाजी कर रहे थे, जबकि बहुजन समाज पार्टी और कांग्रेस के सदस्य अपनी जगह पर खड़े होकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते रहे.

बुधवार को जैसे ही परिषद की कार्रवाई शुरू हुई, सपा के सदस्य सभापति के आसन के आगे नारेबाजी करने लगे. सदस्य प्रदेश में खराब कानून व्यवस्था, किसानों की समस्याओं और प्रदेश में बेरोजगारी के मुद्दे पर नारेबाजी कर रहे थे. सदस्य नारे लगा रहे थे, ‘कानून व्यवस्था ध्वस्त है, योगी बाबा मस्त है', 'सस्ता आलू मंहगा बालू, बाबा निकला सबसे चालू', ‘भाजपा सरकार खा गयी रोजगार नौजवान घूम रहा बेरोजगार.'

सदस्यों के हंगामे को देखते हुये सभापति रमेश यादव ने पहले बीस मिनट के लिये सदन की कार्यवाही स्थगित की. उसके बाद 11 बजकर 20 मिनट से 12 बजे तक कार्रवाई स्थगित की. इसके बाद दोपहर 12 बजे से 12 बजकर 20 मिनट तक सदन की कार्रवाई स्थगित की गयी. लेकिन इस दौरान सपा के सदस्य सभापति की कुर्सी के सामने जमे रहे और लगातार नारेबाजी करते रहे.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

अनुपूरक बजट में कुंभ और स्वच्छ भारत मिशन पर जोर

उत्तर प्रदेश विधानमंडल के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन बुधवार को विपक्ष के हंगामे के बीच विधानसभा में बुधवार को सरकार ने 8054.49 करोड़ का अनुपूरक बजट पेश किया. हंगामे के चलते प्रश्नकाल नहीं हो सका. विधानसभा अध्यक्ष ह्दय नारायण दीक्षित को दो बार सदन की कार्यवाही स्थागित करनी पड़ी. मौजूदा वित्तीय वर्ष में बीजेपी सरकार का यह दूसरा अनुपूरक बजट है.

वित्त मंत्री राजेश अग्रवाल ने बुधवार को आठ हजार चौवन लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का अनुपूरक बजट पेश किया. पूरी क्षमता से कुंभ के आयोजन में लगी योगी सरकार ने इसके आयोजन के लिए सौ करोड़ रुपये रखे हैं. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने अनुपूरक बजट में बिजली व स्वच्छता पर खास फोकस किया है. साथ ही उन्होंने अयोध्या व प्रयागराज को भी अहमियत दी है.

जनता को लुभाने के लिए सड़कों, पुलों व मेडिकल कॉलेज पर खासी रकम का इंतजाम किया गया है. जेवर एयरपोर्ट के लिए 300 करोड़ रुपये, स्वच्छ भारत मिशन में शौचालय के लिए 3000 करोड़, कर्मचारी चयन आयोग के लिए 40 करोड़ रुपये रखे गए हैं.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
×
×