ADVERTISEMENTREMOVE AD

BJP से निष्कासित MLA के घर पहुंची उमा भारती-पीठ थपथपाई, जानें क्या संदेश?

Uma Bharti ने इससे पहले बीजेपी को वोट देने की बाध्यता को लेकर बयान दिया था.

Published
राज्य
3 min read
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा
Hindi Female

मध्यप्रदेश विधानसभा के चुनाव की तारीख जैसे-जैसे नजदीक आ रही है, प्रदेश में सत्ताधारी बीजेपी की मुसीबतें बढ़ती दिख रही हैं. हाल ही में उमा भारती ने लोधी समाज को लेकर जो बयान दिया वह सुर्खियों में था. अब उन्होंने बीजेपी से निकाले गए विधायक के घर गईं और मुलाकात की, जिसके बाद फिर से कई सवाल उठने लगे हैं.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

कुछ दिनों पहले उन्होंने लोधी समाज से बीजेपी को वोट देने की बाध्यता खत्म करने को लेकर बयान दिया था. रविवार को उमा भारती, बीजेपी से निष्काषित नेता प्रीतम लोधी के जलालपुर स्थित गांव पहुंच गईं और वहां गांववालों की चौपाल लगाकर लोधी की जमकर तारीफ की. यहां तक कहा कि पार्टी से निकाले जाने के बाद प्रीतम सिंह उनसे भी ज्यादा लोकप्रिय हो गए हैं. हर जगह उनके लिए भीड़ उमड़ रही है, क्योंकि वे शोषित और पीड़ितों की आवाज बन रहे हैं.

उमा भारती ने विधायक और उनकी पत्नी को अपने अगल-बगल बैठाया

उमा ग्वालियर के पुरानी छावनी स्थित गांव जलालपुर पहुंची तो वहां काफी भीड़ इकट्ठी हो गई. वे सड़क पर ही कुर्सियां मंगवाकर चौपाल लगाकर बैठ गईं. उन्होंने प्रीतम के साथ उनकी पत्नी को भी बुलवाया और उनका परिचय देते हुए अपनी बाएं तरफ बिठाया. उन्होंने कहा कि प्रीतम बीजेपी की तरफ से 1989 के चुनाव में मेरे चुनाव प्रचार की कमान संभालने गए तब से ये मेरे अनन्य सहयोगी बने और मेरे लिए कई बार उनकी जिंदगी दांव पर लगी. तीस साल पहले उन्होंने मेरे कहने पर शराब पीना छोड़ा था. भारतीय जनता पार्टी ने और मैंने उन्हें चुनाव लड़ाया.

सवाल, लोधी के घर क्यों पहुंची उमा भारती?

उन्होंने कहा कि अभी कुछ दिनों पहले जयंत मलैया जी को नोटिस मिला था. उनका बेटा अभी भी निष्कासित है, लेकिन बीजेपी के सभी नेता उनके घर पहुंचे. इसलिए आज अगर मैं उनके घर न आऊं तो पिछड़े वर्गों को ये लगेगा कि उनके साथ हमारी पार्टी अन्याय कर रही है. उमा भारती ने कहा कि उन्होंने आज प्रीतम को यह समझाइश दी है कि वे किसी जाति विशेष के खिलाफ न बोलें, क्योंकि वे पिछड़ों में सभी गरीब और असहाय लोगों की आवाज रहे हैं. उनमें ब्राह्मण वर्ग भी रहा, सवर्ण भी रहे ,दलित वर्ग भी रहा और आदिवासी भी रहे अचानक एक वर्ग विशेष के खिलाफ कही गयी बात का दुष्प्रचार हुआ.

आरक्षण को लेकर कही ये बात

उमा भारती लंबे समय से शराब के खिलाफ आंदोलन चलाकर सरकार को परेशानी में डाल रहीं हैं, लेकिन अब उन्होंने आरक्षण का मुद्दा उठाकर अपनी नई रणनीति का संकेत भी दे दिया है. उन्होंने कहा कि मैंने प्रीतम को कहा कि वे सिर्फ इस बात पर फोकस करें कि प्राइवेट सेक्टर में भी एससी, एसटी और ओबीसी को आरक्षण मिलना चाहिए और जो आरक्षण मिला हुआ है वह कम नहीं होना चाहिए. गरीब सवर्णों को भी आरक्षण मिलना चाहिए. उन्होंने कहा कि सबको साथ लेकर चलो, क्योंकि हमारे देश में घिनौनी राजनीति होती है, जिसमें आपस में लड़ा दिया जाता है. जबकि दो ही जातियां बचीं है. एक है सुविधा विहीन और दूसरी सुविधा सम्पन्न.

0

इशारों-इशारों में बताई पिछड़ों की ताकत

उमा भारती ने इशारों में ही दलित, पिछड़े और आदिवासियों की ताकत का अहसास भी कराया और इसके लिए उन्होंने रामकथा का सहारा लिया. उन्होंने कहा कि हनुमान और जामवंत की सेना ने जब हमला बोला तो लंका जलाकर ध्वस्त कर दी. क्योंकि, उनमें एकजुटता थी. उन्हें क्या चाहिए था? सोना लेकर वे क्या करते ? देश में रामराज की स्थापना में इन देश के गरीब, शोषित, आदिवासी और गरीबों का ही योगदान रहेगा.

'प्रीतम को जनता ने हाथों हाथ उठाया'

बीजेपी ने प्रीतम लोधी को निष्कासित कर दिया है. लेकिन उमा भारती ने इस निर्णय का ही उपहास उड़ाया. उन्होंने कहा कि बीजेपी ने उन्हें निष्काषित कर दिया अब क्या कहूं, लेकिन निष्कासन के बाद जनता ने उन्हें हाथों हाथ लिया. हर जगह उनके लिए भीड़ उमड़ रही है.

प्रीतम लोधी के सिर पर हाथ रखकर दिया आशीर्वाद

उमा भारती यहीं नहीं रुकीं, बल्कि उन्होंने कहा कि वे प्रीतम को आशीर्वाद देने आई हैं, ताकि के गरीबों और शोषितों की आवाज पूरी ताकत के साथ ऐसे ही उठाते रहें. उमा भारती ने उनके सिर पर रखकर आशीर्वाद भी दिया.

(इनपुट- अमित गौर)

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
अधिक पढ़ें
×
×