यूपी के प्रयागराज में हुए उमेश पाल हत्याकांड (Umesh Pal Murder) में एक नया खुलासा हुआ है. एक FIR कॉपी सामने आई है जिसमें आरोप लगाया गया था कि बाहुबली और पूर्व सांसद अतीक अहमद के गुर्गों ने धूमनगंज स्थिति जमीन के बदले एक करोड़ रुपये की रंगदारी मांगी थी. इस मामले में उमेश पाल ने 24 अगस्त 2022 को FIR भी दर्ज कराई थी.
वहीं, अतीक अहमद के दो नाबालिग बेटे गिरफ्तार हो गए हैं. पुलिस ने एहजम और आबान को गिरफ्तार कर 2 मार्च को बाल सुधार गृह भेज दिया था.
उमेश पाल ने दर्ज कराई थी FIR
सामने आयी FIR कॉपी के अनुसार, 24 अगस्त 2022 को उमेश पाल ने धूमनगंज थाने में पूर्व सांसद अतीक अहमद के 10 गुर्गों के खिलाफ केस दर्ज कराया था. इसमें खालिद जफर, मोहम्मद मस्लिम, दिलीप कुशवाहा, अबूसाद और 6 अज्ञात व्यक्तियों को नामजद किया गया था.
FIR में आरोप लगाया गया था कि माफिया के गुर्गों ने उमेश पाल को धमकाते हुए कहा कि अतीक भाई का आदेश है कि एक करोड़ रुपये दे दो, वरना जमीन भूल जाओ. अगर पैसे नहीं दिए तो मारे जाओगे. इसके बाद उमेश पाल ने रंगदारी देने की बजाए मुकदमा दर्ज करा दिया.
मेश पाल की हत्या पूरी तरह से इंटेलिजेंस फेलियर- अखिलेश यादव
इस मामले में समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा है कि उमेश पाल की हत्या पूरी तरह से इंटेलिजेंस फेलियर है.
किसी को गनर ऐसे नहीं मिलता, बल्कि बकायदा जांच होती है . सुरक्षा की जिम्मेदारी सरकार की है. गनर की जान चली गई इससे बुरी बात कोई नहीं हो सकती. BJP यह ना भूले जब उस परिवार से किसी को चुनाव लड़ना था तो आपने जेल से पर्चा भरवाया था. BJP सिर्फ विपक्ष के पीछे पड़ी है, 20 साल पुराने केस में भी जेल भेजा जा रहा है.अखिलेश यादव, समाजवादी पार्टी, अध्यक्ष
गनर संदीप के परिजनों से मुलाकात को लेकर अखिलेश यादव ने कहा कि समाजवादी पार्टी शहीद के परिवार के साथ है और पूरा खुलासा होने के बाद हम उस परिवार से मिलने जाएंगे क्योंकि आज चले जाएंगे तो सरकार कहेगी कि देखिए राजनीति करने आए हैं.
उमेश पाल हत्याकांड में यूपी पुलिस का अबतक एक्शन
इधर, उमेश पाल हत्याकांड में यूपी पुलिस का ताबड़तोड़ एक्शन जारी है. पुलिस एनकाउंटर में एक आरोपी अरबाज की मौत हो गई है. अरबाज अतीक का करीबी बताया जाता है. पुलिस का दावा है कि घटना के दिन वो अतीक के बेटे असद की गाड़ी चला रहा था. इसके अलावा पुलिस ने अतीक के कथित करीबी जफर कान, सफदर अली और कवी अहमद के मकान को बुलडोजर कार्रवाई में ध्वस्त कर दिया है.
हालांकि, जफर ने एक वीडियो जारी कर अपना पक्ष रखते हुए कहा कि उसका अतीक अहमद से कोई संबंध नहीं है बल्कि जिस मकान को गिराया गया है वो उसने अपने बहनोई वकील खान सौलत हनीफ के कहने पर खरीदा था.
क्या है पूरा मामला?
दरअसल, प्रयागराज में 24 फरवरी को उमेश पाल की सरेआम हत्या कर दी गई थी. उमेश BSP विधायक रहे राजूपाल की हत्या केस में मुख्य गवाह था. घटना में उमेश की सुरक्षा में तैनात दो सरकारी गनर को भी गोली लगी थी. इसमें एक गनर संदीप निषाद की इलाज के दौरान उसी दिन मौत हो गई थी जबकि दूसरे गनर राघवेंद्र सिंह की लखनऊ के PGI में 1 मार्च को मौत हो गई.
घटना की गूंज यूपी विधानसभा तक में सुनाई दी. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कड़ी कार्रवाई की बात कही थी. इसके बाद अहमदाबाद जेल में बंद माफिया अतीक अहमद ने जान का खतरा बताते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की, जिसमें उसने सुरक्षा की गुहार लगाई. अतीक ने पूरे मामले की CBI जांच की मांग की और कहा कि उसे और उसके परिवार को जान का खतरा है.
याचिका में अतीक ने मांग की है कि उमेश पाल हत्याकांड में जो भी पूछताछ होनी है वो केंद्रीय सुरक्षा बलों के सामने हो और उसे यूपी के किसी अन्य जेल में शिफ्ट न किया जाए. मामले की सुनवाई 17 मार्च को सुप्रीम कोर्ट में होगी.
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