वीडियो एडिटर/प्रोड्यूसर: कनिष्क दांगी
उत्तर प्रदेश के रामपुर में बजरंग दल के कुछ कार्यकर्ताओं ने थाने में पहुंचकर जमकर हंगामा किया. यहां तक कि थाना अध्यक्ष को उसी के थाने के अंदर जमकर गालियां भी दी गईं और थाने को आग लगाने की धमकी तक दे डाली. इस पूरी घटना का वीडियो वायरल हुआ, जिसके बाद मामला सामने आया. दरअसल बरजरंग दल के कई कार्यकर्ता विश्व हिंदू परिषद के एक कार्यकर्ता को कथित तौर पर पीटे जाने को लेकर थाने पहुंचे थे. जिसे पुलिस ने इसलिए डांटकर भगा दिया, क्योंकि वो अपनी बहन और बहनोई की सिफारिश लेकर इंस्पेक्टर के पास पहुंचा था.
थाने में आग लगाने की धमकी
वायरल हुए वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि, बजरंगदल का कार्यकर्ता रवि शर्मा थाने के अंदर ही थाना अध्यक्ष अमरेश सिंह को गलियां दे रहा है. साथ ही धमका भी रहा है.
वो बार-बार गाली देते हुए कहता है कि, इसे हाथ लगाकर दिखाओ पूरे थाने में आग लगा दूंगा. तुमने चार थप्पड़ मारे, ये अधिकार किसने दिया, हमारा कार्यकर्ता पिटेगा? इसके बाद रवि शर्मा की इस बात पर इंस्पेक्टर अमरेश ने कहा कि तुम गाली मत दो, न मैंने उसे मारा है और न ही उसने बताया कि वह कार्यकर्ता है.
क्या है पूरा मामला?
अब इस मामले को लेकर हमने पहले थाने में पुलिस को धमकाने पहुंचे बजरंगदल कार्यकर्ता रवि शर्मा से बात की. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि, "विश्व हिंदू परिषद के पटवाई प्रखंड के अध्यक्ष भगवत सरन लोधी की बहन की जेठानी ने फांसी लग ली थी. इस बात की सूचना देने के लिए भगवत ने इंस्पेक्टर अमरेश को कॉल किया कि मेरी बहन-बहनोई का फांसी के इस मामले से कोई लेना देना नहीं है, इस पर इंस्पेक्टर ने कहा कि आप थाने आओ वहीं बात करेंगे, फोन पर संभव नहीं है. जब भगवत थाना पहुंचे तो इंस्पेक्टर मौजूद नहीं थे.”
रवि शर्मा ने आरो लगाते हुए कहा कि, सिपाही ने कहा कि आप आवास पर मिल लीजिए. उसके बाद भगवत आवास पर पहुंचे जहां इंस्पेक्टर ने गाली देते हुए भगवत को मारना शुरू किया. उन्हें कहा कि तुम लोग गोकशी की सूचना देकर पुलिस की नाक में दम करते हो. उसके बाद भगवत को थाने के अंदर बैठा दिया. जब यह सूचना कार्यकर्ताओं को मिली तब हम थाना गए. हमने पूछा कि मार क्यों. इसके बाद CO साहब आए उन्होंने गलती स्वीकार की और कहा कि इंस्पेक्टर ने मारकर गलत किया. उस वक्त वहां एडिशनल एसपी भी मौजूद थे.
बहन-बहनोई की सिफारिश लेकर पहुंचा था भगवत
हालांकि दूसरी तरफ CO श्रीकांत प्रजापति ने भगवत के साथ हूई मारपीट की बात से इनकार करते हुए कहा कि, एक वादी द्वारा दहेज हत्या का एक मामला लिखा गया था. जिसमें भगवत के बहन बहनोई का नाम भी दर्ज था. इसी बात पर भगवत इंस्पेक्टर के पास गए कि मेरे बहन बहनोई का इसमें कोई दोष नहीं है. इस पर इंस्पेक्टर अमरेश ने कहा कि आपके बहन-बहनोई का दोष नहीं तो यह बात जाकर उससे कहो जो जांच कर रहा है और उससे बात करो जिसने मुकदमा लिखाया है. इसी बात पर दोनों लोगों में कहा सुनी हो गई थी. इसके बाद बजरंगदल के और कार्यकर्ता पहुंच गए थे. जिन्हें हमने समझा बुझाकर वापस भेजा.
थाने में हूई इस घटना पर जब क्विंट ने इंस्पेक्टर अमरेश सिंह से संपर्क किया तो वो खुलकर बोलने से बचते नजर आए. उन्होंने कहा कि एक भगवत सरन नाम का बंदा आया था. उससे बातचीत हुई तो डांट लगाकर भेज दिया था, फिर वो अपने 14-15 कार्यकर्ताओं के साथ वापस आया. CO साहब की मौजूदगी में उनको समझाकर भेज दिया गया.
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