उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के बलिया जिले में लगातार हो रही मौतों की जांच के लिए लखनऊ से स्वास्थ्य विभाग की टीम पहुंची. टीम ने शुरुआती जांच में इन मौतों के पीछे हीटवेव के दावों को खारिज कर दिया है. बलिया जिला अस्पताल की तरफ से जारी आंकड़ों के अनुसार जून 14 से लेकर 16 तक 54 लोगों ने अस्पताल में दम तोड़ दिया था. कथित तौर पर हीटवेव से होने वाली इन मौतों का मीडिया में खबर आने के बाद लखनऊ में शासन स्तर तक हलचल मच गई. आनन-फानन में संचारी रोग विभाग के संयुक्त डायरेक्टर ए के सिंह के नेतृत्व में एक टीम लखनऊ से बलिया भेजी गई.
मरीजों में हीटवेव के लक्षण नहीं: जांच टीम
प्रारंभिक जांच के बाद मीडिया से बात करते हुए एके सिंह ने इन मौतों को असामान्य तो माना लेकिन अपना तर्क रखते हुए कहा कि अगर यह मौतें हीटवेव से हुईं होती तो बलिया ही नहीं आसपास के जिलों में भी इसका प्रभाव देखा जाता जो कि नहीं हुआ.
"अगर मौसम की बात होती तो आजमगढ़, जौनपुर, गाजीपुर और मऊ भी शामिल होता. यहां अधिकतम तापमान 41 डिग्री तक रहा है और बाकी जगहों पर 44 डिग्री रहा. उन जगहों पर भी ऐसी ही स्थिति होती. अगल-बगल के जिलों में ऐसी समस्या नहीं आई"एके सिंह
उन्होंने आगे बताया कि जिला अस्पताल आ रहे रोगियों में हीटवेव के लक्षण नहीं दिखाई दे रहे हैं. हीटवेव से पीड़ित इंसान की सबसे पहली शिकायत बुखार की होती है. बुखार वाली शिकायत नहीं है. सीने में दर्द, सांस फूलने और तीसरे नंबर पर लोग बुखार की शिकायत कर रहे हैं. बुखार की तीव्रता भी ज्यादा नहीं है. हीटवेव के कारण लोगों का शरीर का तापमान 104, 105 या 106 डिग्री तक चला जाता है. यह अभी तक यहां के रोगियों में देखने को नहीं मिला है
आपको बता दें जिला अस्पताल में लगातार हो रही मौतों के मीडिया में आने के बाद बलिया का स्थानीय प्रशासन भी सतर्क हो गया था. हीटवेव से हो रही कथित मौतों पर बयान देने वाले चीफ मेडिकल सुपरीटेंडेंट (CMS) प्रभाकर सिंह को उनके पद से हटाकर आजमगढ़ ट्रांसफर कर दिया गया था. बाद में बलिया जिला अधिकारी रविन्द कुमार ने अपने एक बयान में बताया कि इन मौतों कारण हीटवेव है, इसका कोई पुख्ता सबूत नहीं मिला है.
"अभी तक हीटवेव से मौत के संबंध में कोई पुख्ता सबूत नहीं मिले हैं. पूर्व में जो जिला अस्पताल के चीफ मेडिकल सुपरीटेंडेंट थे उनके द्वारा अप्रमाणित बयान देने पर शासन के द्वारा उनको हटा दिया गया था. जनपद के सभी अस्पतालों में चाहे वह जिला अस्पताल हो या सीएससी, सभी प्रकार की दवाएं ओआरएस (ORS) एवं अन्य प्रकार की सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं ताकि आम जनमानस को किसी प्रकार की असुविधा ना हो"रविंद्र कुमार, जिलाधिकारी बलिया
अबतक कुल 68 लोगों की मौत
बलिया जिला अस्पताल में मौतों का आंकड़ा लगातार बढ़ता दिखाई दे रहा है. अबतक कुल 68 लोगों की मौतें हुई हैं. बलिया CMO जयंत कुमार के मुताबिक पिछले 24 घंटे में विभिन्न बीमारियों से ग्रसित 14 लोगों की मौतें हुई है. कल तक कुल 178 मरीज जिला अस्पताल में भर्ती हुए हैं. सभी मरीजों की अच्छे से देखभाल की जा रही है. सभी चीजों की व्यवस्था है पर्याप्त मात्रा में दवाएं हैं.
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