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गोंडा: पुलिस हिरासत में पूछताछ के लिए आए लाइनमैन की मौत,थानाध्यक्ष समेत 5 पर FIR

Gonda Death In Police Custody: SP ने एसओ नबाबगंज तेज प्रताप सिंह और एसओजी प्रभारी अमित यादव को सस्पेंड कर दिया है.

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राज्य
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उत्तर प्रदेश के गोंडा में हुई पुलिस की हिरासत में लाइनमैन की मौत (Gonda Death In Police Custody) के मामले में मुकदमा दर्ज हो गया है. IPC की धारा 147 और 302 के तहत थानाध्यक्ष समेत 5 लोगों पर FIR दर्ज की गयी है. साथ ही एसपी आकाश तोमर ने एसओ नबाबगंज तेज प्रताप सिंह व एसओजी प्रभारी अमित यादव को सस्पेंड कर दिया है.

गोंडा में झोलाछाप डाक्टर हत्याकांड में पुलिस ने बुधवार, 14 सितंबर को एक लाइनमैन को पूछताछ के लिए थाने बुलाया था. आरोप है कि युवक की पूछताछ के दौरान तबीयत बिगड़ी और अस्पताल पहुंचने से पहले ही रास्ते में मौत हो गई. पूछताछ के दौरान पुलिस ने युवक को मारापीटा, जिससे उसकी मौत हो गई.

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परिजनों ने रोड जाम किया-पुलिस की गाड़ियों पर पथराव का आरोप

पुलिस कस्टडी में हुए युवक की मौत को लेकर गुरुवार, 15 सितंबर को नवाबगंज कोल्ड स्टोर चौराहे पर शव को रख कर हजारों लोगो ने रास्ता जाम कर प्रदर्शन किया. गोण्डा अयोध्या राज्य मार्ग पूरी तरह से जाम हो गया. विरोध करते हुए लोगों ने थानाध्यक्ष और पुलिस टीम की गिरफ्तारी की मांग कर रहे है. मृतक के भाई राजित राम ने कहा कि जो लोग उनके भाई के हत्या में शामिल थे, सभी को गिरफ्तार किया जाए और उन्हें फांसी दी जाए.

इसके अलावा बिजलीकर्मियों ने भी प्रदर्शन किया. रिपोर्ट के अनुसार, गुस्साए बिजली कर्मचारियों ने गुरुवार को आपूर्ति भी ठप कर दी.

क्या है पूरा मामला?

देवनारायण उर्फ देवा नाम का युवक बिजली विभाग में संविदा के पद पर लाइनमैन की नौकरी करता था. बीते दिनों जैतपुर चौहान पुरवा में हुई झोलाछाप डॉक्टर की हत्या के मामले में नवाबगंज और एसओजी पुलिस ने पूछताछ के लिए उसे कस्टडी में लिया था.

पूछताछ के दौरान युवक की हालत बिगड़ी और आनन-फानन में नवाबगंज पुलिस युवक को लेकर जिला अस्पताल रवाना हुई और जिला अस्पताल पहुंचने पर डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया. परिजनों का आरोप है कि पूछताछ के दौरान पुलिस ने पीटा, जिससे देव नारायण यादव की मौत हो गई है.

मृतक देवनारायण के बड़े पापा राम बहादुर यादव का कहना है कि "झोलाछाप डॉक्टर की हत्या हुई थी और उसके मोबाइल में देवनारायण का नंबर था. नवाबगंज पुलिस आई थी और पुलिस को पूछताछ के लिए 3 बजे देवनारायण को सौंपा था. वो ठीक-ठाक था. नवाबगंज पुलिस ने उसे एसओजी को सौंप दिया था. पुलिसवालों ने उसे मार डाला. पुलिस की पिटाई से हालत बिगड़ी और अस्पताल ले जाते समय मौत हो गई है."

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वहीं जिला अस्पताल के मर्चरी पहुंचे पुलिस अधीक्षक आकाश तोमर ने बताया था कि "युवक को थाने में लाया गया था. परिवार वाले भी वहीं मौजूद थे. युवक से अलग पूछताछ की जा रही थी. जैसा कि वहां पर उपस्थित थाने वालों ने बताया कि पूछताछ के दौरान इसकी तबियत खराब हुई, जिसे जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया और डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया है. यहां पर मैंने मृतक युवक की बॉडी देखी है. कोई विजिबल इंजरी (ऐसी चोट जो आंखों से दिखे) नहीं है. फिर भी पैनल द्वारा पोस्टमार्टम कराया जाएगा."

(इनपुट- बृजेन्द्र दुबे)

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