उत्तर प्रदेश के मदरसों में राष्ट्रगान अनिवार्य करने के बाद भारतीय जनता पार्टी (BJP) की योगी सरकार (Yogi Government) ने राज्य के नए मदरसों को अनुदान सूची से बाहर करने का फैसला किया है. राज्य में नए मदरसों को अब कोई अनुदान नहीं मिलेगा. योगी कैबिनेट की बैठक में इस पर फैसला हुआ. बता दें योगी सरकार के पिछले कार्यकाल में भी नए मदरसों को अनुदान नहीं दिया गया था. यूपी में मौजूदा समय में 558 मदरसों को सरकारी अनुदान दिया जा रहा है.
ANI से बात करते हुए यूपी के मंत्री दानिश आजाद ने पहले कहा था कि सरकार राज्य मदरसों के उत्थान के लिए प्रतिबद्ध है.
2021 के बजट में यूपी सरकार ने मदरसों को आधुनिकीकरण योजना के तहत 479 करोड़ रुपये आवंटित किए थे. आंकड़ों के मुताबिक, राज्य में लगभग 16,000 पंजीकृत मदरसे हैं, जिनमें से 558 को अनुदान दिया जा रहा है.
मदरसों में राष्ट्रगान अनिवार्य
इससे पहले योगी सरकार ने प्रदेश के सभी मदरसों में राष्ट्रगान अनिवार्य किया था. सरकार की ओर से जारी आदेश में कहा गया था कि राज्य के मान्यता प्राप्त और अनुदानित मदरसों में अनिवार्य रूप से राष्ट्रगान करवाया जाए.
यूपी मदरसा शिक्षा परिषद ने 24 मार्च को बैठक की थी. इस बैठक में ही मदरसों में राष्ट्रगान अनिवार्य करने का फैसला लिया गया था. 12 मई को मदरसे खुलने के बाद यह आदेश लागू हो गया था.
मदरसा बोर्ड के रजिस्ट्रार एस एन पांडेय हटाए गए
यूपी मदरसा बोर्ड के रजिस्ट्रार एस एन पांडेय को हटा दिया गया है. उनकी जगह अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के डिप्टी डायरेक्टर जगमोहन सिंह को यह जिम्मेदारी दी गई है. एसएन पांडेय वहीं अधिकारी हैं, जिन्होंने यूपी के मदरसों में राष्ट्रगान अनिवार्य करने का आदेश दिया था.
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