उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में ‘लव जिहाद’ मामले में प्रशासन ने महिला के गर्भपात से इनकार किया था, लेकिन अब सामने आई महिला ने दावा किया है कि अस्पताल में इंजेक्शन लगने के बाद उनका गर्भपात हो गया. पिछले हफ्ते पुलिस ने 22 साल की महिला के पति और जेठ को नए धर्मांतरण विरोधी कानून (Anti-Conversion Law) के तहत गिरफ्तार किया था, जिसके बाद महिला को मुरादाबाद के नारी निकेतन संरक्षण गृह भेज दिया गया.
महिला को सोमवार को मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया गया, जहां उन्होंने खुद को बालिग बताते हुए कोर्ट को बताया कि उन्होंने अपनी मर्जी से मुस्लिम युवक से शादी की थी, जिसके बाद कोर्ट ने उन्हें ससुराल भेजने का निर्देश दिया.
महिला ने क्विंट को बताया कि उन्हें अस्पताल में इंजेक्शन दिए गए, जिसके बाद उन्हें काफी ब्लीडिंग होने लगी.
‘बजरंग दल वालों ने जबरन पकड़ा’
महिला ने क्विंट को बताया कि उन्होंने 24 जुलाई को अपनी मर्जी से शादी की थी. ये शादी देहरादून में हुई थी. वो 5 दिसंबर को मुरादाबाद में अपनी शादी रजिस्टर कराने गई थीं, जब बजरंग दल वालों ने उन्हें जबरन पकड़ कर थाने ले गए. उनका दावा है कि उन्होंने बजरंग दल वालों को अपनी शादी और प्रेगनेंसी के बारे में बताया, लेकिन वो सुनने को तैयार ही नहीं थे.
पीड़िता का कहना है कि बजरंग दल वालों ने उनके घरवालों को बुलाया और इसके लिए गाड़ी भी भेजी गई. उन्होंने कहा कि बजरंग दल वाले उन्हें बार-बार धमकी दे रहे थे.
“वो कह रहे थे कि ये झूठ बोल रही है. इसे तो मारना चाहिए. इसने गलत काम किया है. मुसलमान से शादी की है. मैं बालिग हूं, 22 साल की हूं, अपनी मर्जी से शादी कर सकती हूं. उन्होंने हमें जबरदस्ती फंसाया है.”क्विंट से बातचीत में पीड़िता
बता दें कि पुलिस ने पीड़िता की मां की शिकायत पर केस दर्ज किया था, जिसके बाद उनके पति और जेठ को गिरफ्तार किया गया. अपने ससुराल लौट चुकीं महिला ने प्रशासन से पति और जेठ को रिहा करने की मांग की है.
‘मेरा गर्भपात हुआ’
पीड़िता ने बताया कि नारी निकेतन में उन्हें कई दिन दर्द हुआ, लेकिन वहां मौजूद लोगों ने उनके ऊपर ध्यान नहीं दिया और उनकी तकलीफ को ‘नाटक’ बताया. उन्होंने बताया कि ज्यादा तबीयत खराब होने पर उन्हें अस्पताल ले जाया गया, जहां उन्हें इंजेक्शन दिए गए.
पीड़िता का दावा है कि उन्हें 11 दिसंबर को एक इंजेक्शन दिया गया, जिसके बाद हल्की ब्लीडिंग हुई, इसके दो दिन बाद उन्हें चार इंजेक्शन और दवाइयां दी गईं, जिसके बाद उनकी तबीयत काफी खराब हो गई और ब्लीडिंग भी हुई.
अल्ट्रासाउंड में दिखा था भ्रूण
गर्भपात की खबरों पर अब जिला अस्पताल की मेडिकल सुप्रिटेंडेंट ने भी मुहर लगा दी है. उन्होंने कहा है कि महिला को ब्लीडिंग रोकने के लिए दवा दी गई थी. लेकिन अल्ट्रासाउंड में भ्रूण दिखा, लेकिन उस दौरान भ्रूण में धड़कन नहीं थी. इसके बाद टीवीएस कराने की सलाह देते हुए मेरठ के लिए रेफर कर दिया गया. उसके परिजन उसे प्राइवेट व्हीकल में ले जाना चाहते थे.
प्रशासन ने गर्भपात की खबर से किया था इनकार
इससे पहले, मीडिया में महिला के जबरन गर्भपात की खबरें सामने आईं थीं, जिसे मुरादाबाद जिला प्रशासन ने फेक न्यूज बताया था. मुरादाबाद के जिला प्रोबेशन अधिकारी राजेश चंद्र गुप्ता ने कहा था कि तबीयत बिगड़ने के बाद महिला को अस्पताल ले जाया गया था, जिसके बाद उनकी तबीयत ठीक हो गई थी.
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