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मिस इंडिया रनरअप की हार से हिंसा के आरोपी की जीत तक,10 ‘खास’ बातें

पंचायत चुनाव को अगले साल होने जा रहे विधानसभा का सेमीफाइनल बताया जा रहा है.

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वीडियो एडिटर: राहुल सांपुई

चार चरणों में हुए यूपी पंचायत चुनाव की मतगणना अभी भी जारी है. 15, 19, 26 और 29 अप्रैल को हुए पंचायत चुनाव में लगभग 13 लाख उम्मीदवारों ने हिस्सा लिया था. पंचायत चुनाव को अगले साल होने जा रहे विधानसभा का सेमीफाइनल बताया जा रहा है. यहां से जो ट्रेंड दिखेगा राजनीतिक पार्टियां उस हिसाब से चुनाव की तैयारियों में जुटेंगी. फिलहाल, पार्टियों की बात छोड़कर इन चुनावों की कुछ ऐसी बातें जानते हैं, जो सुर्खियों में रही हैं

1. गैंगस्टर विकास दुबे के गांव में 25 साल बाद निष्पक्ष प्रधान

एक युवा दलित महिला मधु को बिकरू के ग्राम प्रधान के रूप में चुना गया है। इसी गांव में पिछले साल गैंगस्टर विकास दुबे ने बेरहमी से आठ पुलिसकर्मियों का नरसंहार किया था।मधु ने 381 मत प्राप्त किए और बिंदू कुमार को पराजित कर बिकरू गांव की प्रमुख के रूप में निर्वाचित हुई हैं जिन्हें 327 मत मिले।मधु के चुनाव ने इस छोटे से गांव में लोकतंत्र को बहाल कर दिया है, जो लगभग 25 वर्षों से विकास दुबे की जागीर थी और गैंगस्टर द्वारा ग्राम प्रधान को चुना गया था।

2.मिस इंडिया रनर अप दीक्षा सिंह हारीं चुनाव

मिस इंडिया रनर अप दीक्षा सिंह जौनपुर जिले के बसखा से पंचायत चुनाव हार गई हैं. एक महिला उम्मीदवार के लिए सीट आरक्षित होने के बाद दीक्षा सिंह ने इस बार जिला पंचायत सदस्य के लिए चुनाव लड़ा था.फेमिना मिस इंडिया 2015 की उपविजेता दीक्षा ने अपनी साख दांव पर लगाई और अपने राजनीतिक करियर की शुरूआत करने से पहले ही उन्हें हार का सामना करना पड़ा.

3.मुलायम सिंह की भतीजी को समाजवादी पार्टी प्रत्याशी ने ही हराया

मुलायम सिंह की भतीजी और पूर्व सांसद धर्मेंद्र यादव की बड़ी बहन संध्या यादव ने बीजेपी की टिकट पर जिला पंचायत सदस्य का चुनाव लड़ा था. अब उन्हें हार का सामना करना पड़ा है. संध्या को समाजवादी पार्टी नेता प्रमोद यादव ने करीब 2 हजार वोटों से शिकस्त दी है. संध्या यादव ने पिछला चुनाव समाजवादी पार्टी के टिकट पर जीता था.

4.बुलंदशहर हिंसा के आरोपी योगेश राज ने जीता जिला पंचायत चुनाव

उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में स्याना हिंसा के मुख्य आरोपी योगेश राज ने जिला पंचायत सदस्य का चुनाव जीत लिया है. साल 2018 में स्याना गांव इलाके में कथित गोकशी के शक में फैली हिंसा में इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह की हत्या कर दी गई थी. जिसके बाद योगेश राज को गिरफ्तार किया गया था. स्याना हिंसा का मुख्य आरोपी योगेश राज जिला पंचायत सदस्य पद के वार्ड नंबर 5 से उम्मीदवार था और उसने अपने प्रतिद्वंद्वी निर्दलीय प्रत्याशी निर्दोष चौधरी को 2150 वोटों से हरा दिया.

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5.प्रयागराज के एक गांव में प्रधान चुनाव में टॉस से फैसला

प्रयागराज में ग्राम प्रधान चुनाव में तो प्रत्याशियों की हार-जीत का फैसला टॉस से किया गया. मामला प्रयागराज के सोरांव गांव का के करौदी गांव का है. काउंटिंग के दौरान दो प्रत्याशी भुंवर लाल और राज बहादुर को एक बराबर 170-170 वोट मिले थे, ये फैसला करना मुश्किल हो गया है कैसे विजेता का चुनाव हो.बाद में दोनों उम्मीदवारों की सहमति से ये फैसला किया गया कि टॉस से उनकी किस्मत का फैसला किया जाए. आरओ सुरेश चंद्र यादव ने दोनों उम्मीदवारों के सामने टॉस किया और भुंवरलाल ग्राम प्रधान का चुनाव जीत गए.

6. अयोध्या, काशी, मथुरा में बीजेपी पिछड़ी

यूपी पंचायत चुनाव के फाइनल रिजल्ट अबतक नहीं आ सके हैं. अभी तक मिली खबरों के मुताबिक अयोध्या, काशी और मथुरा तीनों जगह बीजेपी पिछड़ती दिख रही है. अयोध्या और काशी में समाजवादी पार्टी को बढ़त है वहीं मथुरा में बीएसपी और आरएलडी आगे हैं.

7.कुल 3.19 लाख उम्मीदवार निर्विरोध हुए निर्वाचित

कुल 3.19 लाख उम्मीदवार निर्विरोध निर्वाचित घोषित किए गए हैं. एसईसी नेकहा, "पंचायत चुनावों में 3,19,317 उम्मीदवार निर्विरोध चुने गए हैं. इसमें जिला पंचायत के सात सदस्य, पंचायत के 2,005 सदस्य और 3.17 लाख से अधिक सदस्य हैं, जो इस पंचायत चुनाव में निर्विरोध चुने गए हैं. कुल 178 उम्मीदवार ग्राम पंचायतों के प्रधान पद के लिए भी निर्विरोध चुने गए थे. "

8.करीब 20 प्रत्याशी ऐसे जो चुनाव की जंग जीत गए लेकिन जिंदगी की जंग हार गए

कोरोना के बीच हुए इन चुनाव में कई प्रत्याशियों की अलग-अलग वजहों से मौत की खबरें सामने आईं हैं. कई जिलों से मिली रिपोर्ट्स के मुताबिक, करीब 20 प्रत्याशी ऐसे हैं जो पंचायत चुनाव अलग-अलग पदों के लिए तो जीत गए लेकिन उनकी मौत हो गई. चंदौली, मिर्जापुर, गोरखपुर, प्रतापगढ़, आगरा समेत कुछ और जिलों से ऐसी रिपोर्ट्स सामने आई हैं.

9.चुनाव के दौरान कई जगह टूटते दिखे कोविड प्रोटोकॉल

75 जिलों में से इन चार चरणों के चुनाव में कई बार कोविड प्रोटोकॉल तोड़े जाने की खबरें आईं साथ ही तस्वीरों, वीडियो में साफ दिखा कि किस कदर चुनाव के बीच कोविड नियमों की धज्जियां उड़ाई गई. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने भी इसपर टिप्पणी की थी.

10. चुनाव के दौरान कैसे बढ़े कोरोना के आंकड़े

26 मार्च को चुनाव की तारीखों का ऐलान हुआ था. उस दिन प्रदेश में 1032 डेली केस, 6 मौतें और 5824 एक्टिव केस दर्ज की गई थीं. वहीं 2 मई जिस दिन मतगणना होनी थी, उस दिन कुल कोरोना वायरस के 30983 नए मामले सामने आए. 290 लोगों की 24 घंटे में मौत हुई और एक्टिव केस की संख्या 2,95,752 थी.

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