लखनऊ जिला प्रशासन ने नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान कथित तौर पर हिंसा में शामिल लोगों की पहचान कर उनके नाम और पते के साथ होर्डिंग लगाना शुरू कर दिया है. बताया जा रहा है कि योगी सरकार संपत्ति के नुकसान को लेकर आरोपियों से वसूली करना चाहती है. अभी तक ऐसे 57 लोगों की कथित तौर पर पहचान की गई है.
पिछले साल दिसंबर महीने में राज्य की राजधानी लखनऊ में सीएए विरोधी प्रदर्शन हुए थे. इन प्रदर्शनों के दौरान हुई हिंसा में कथित रूप से शामिल रहे 57 लोगों के नाम और पते के साथ शहर के सभी प्रमुख चौराहों पर कुल 100 होर्डिंग लगाए जा रहे हैं.
संपत्ति भी की जाएगी जब्त
ये सभी लोग राज्य की राजधानी लखनऊ के हसनगंज, हजरतगंज, कैसरबाग और ठाकुरगंज थाना क्षेत्र के हैं. प्रशासन ने पहले ही 1.55 करोड़ रुपये की सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के लिए इन सभी लोगों को वसूली के लिए नोटिस जारी किया है. लखनऊ जिला मजिस्ट्रेट अभिषेक प्रकाश ने कहा कि वसूली राशि जमा करने में असफल रहने की स्थिति में आरोपियों की संपत्तियां जब्त कर ली जाएंगी.
इससे पहले लखनऊ में सैकड़ों लोगों को नोटिस जारी किए गए थे. आरोपियों से यह पूछा गया था कि सरकारी संपत्ति को हुए नुकसान की भरपाई के लिए उनकी संपत्ति को जब्त क्यों ना किया जाए. बताया गया कि जो लोग इन नोटिस के जवाब नहीं देंगे उन्हें नुकसान की भरपाई करनी होगी.
योगी सरकार की तरफ से हिंसा के ठीक बाद भी ऐसा ही किया गया था. जिसमें वीडियो से कुछ लोगों की पहचान कर उनकी तस्वीरें शहर में चस्पा कर दी गई थीं और सूचना देने वालों को इनाम देने की घोषणा की गई थी.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि सीएए के खिलाफ हिंसक प्रदर्शन के दौरान सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वाले दंगाइयों से नुकसान की भरपाई की जाएगी.
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