उत्तर प्रदेश रोडवेज बस में यात्रा करने वाले यात्रियों को अब अपनी जेब ढीली करनी होगी. राज्य परिवहन विभाग ने सरकारी बसों के सफर को महंगा कर दिया है. इसके साथ ही ऑटो का किराया भी बढ़ाया जाएगा. यूपी रोडवेज ने 25 पैसे प्रति किलोमीटर की दर से किराया बढ़ाने का प्रस्ताव दिया था, जिसको मंजूरी भी मिल गई है. अब 100 किमी के सफर के लिए 25 रुपए ज्यादा देने होंगे. ऑटो का किराया बढ़ाने के प्रस्ताव को भी अनुमोदित कर दिया गया है. इसके बाद नई दरें तय की जाएंगी.
परिवहन निगम के मुताबिक, बढ़ी हुई तेल की कीमत और ऑटो पार्ट्स रेट में बढ़ोत्तरी की वजह से नई दरों में इजाफा किया गया है. साथ ही एसटीए ईंधन ऑटो पार्ट्स और मजदूरी दरे तय करने का आदेश दिया है. यूपी रोडवेज में नया किराया लागू होने के बाद राजधानी लखनऊ से दिल्ली जाने वाले यात्रियों को 125 रुपए ज्यादा देने होंगे. प्रयागराज का किराया 252 से बढ़कर 304 रुपए हो जाएगा. इसके साथ ही गोरखपुर के लिए 367 की जगह 443 रुपए देने होंगे.
बताया जा रहा है कि यूपी की रोडवेज बसों में रोजाना 14 लाख यात्री सफर करते हैं. ऐसे में 25 पैसे प्रति किलोमीटर किराया बढ़ने से रोडवेज की आय में प्रतिमाह करीब ढाई करोड़ रुपये की वृद्धि होगी. यह सालाना 30 करोड़ रुपये से अधिक हो जाएगी. इससे अब बसों का मेंटेनेंस किया जा सकेगा और अधिकारियों-कर्मचारियों का वेतन भी समय पर मिल सकेगा.
इस प्रकार है बसों का नया किराया
साधारण सेवा 1.30 रुपये प्रति किमी.
जनरथ (3 बाई 2) 1.64 रुपये प्रति किमी.
जनरथ (2 बाई 2) 1.94 रुपये प्रति किमी.
वातानुकूलित स्लीपर बस 2.59 रुपये प्रति किमी.
हाई एंड वॉल्वो/स्कैनिया 2.86 रुपये प्रति किमी.
परिवहन निगम एमडी संजय कुमार ने किराया बढ़ाने के पीछे यह दलील दी है कि डीजल की कीमतों में लगातार वृद्धि होने से बसों का संचालन मुश्किल हो रहा है. अब किराया बढ़ने से बसों का बेहतर मेंटेनेंस आसानी से हो सकेगा. यात्री सुविधाओं में वृद्धि की जा सकेगी और नई बसों की खरीदारी कर बेड़े को बढ़ाया जा सकेगा.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)