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एक्सप्रेस वे, अयोध्या और निवेश, ये हैं यूपी सरकार के फोकस एरिया

योगी सरकार ने चार एक्सप्रेस-वे, अयोध्या का पुनर्विकास और MSMEs के लिए नए प्रयोगों पर जोर दिया है. 

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राज्य
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यूपी सरकार का खास फोकस चार एक्सप्रेस-वे प्रोजेक्ट, अयोध्या के पुनर्विकास और MSMEs को बढ़ावा और राज्य में निवेश को लाने पर है. इस सिलसिले में सरकार क्या-क्या कर रही, इसके बारे में सरकार ने पत्रकारों को जानकारी दी.

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एक्सप्रेसवे के 'जाल' में निवेश 'फंसाने' की तैयारी

प्रदेश की 4 साल पुरानी योगी आदित्यनाथ सरकार ने अलग-अलग जिलों में बेहतर कनेक्टिविटी और निवेश को आकर्षित करने के लिए एक्सप्रेसवे का जाल बिछाने का प्लान बनाया है. यूपी के 9 जिलों को जोड़ने वाले पूर्वांचल एक्सप्रेस पर तकरीबन काम पूरा है. UPEIDA के अधिकारियों के मुताबिक, इस साल मार्च-अप्रैल में इसे खोला जा सकता है. करीब साढे 22 हजार करोड़ के लागत वाले इसे प्रोजेक्ट की कुल संबाई 340 किलोमीटर है.

इस एक्सप्रेसवे के बनने के बाद अपेक्षाकृत पिछड़ा माने जाने वाला पूर्वांचल का क्षेत्र प्रदेश की राजधानी से जुड़ेगा. साथ ही आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस वे, यमुना एक्सप्रेसवे से कनेक्ट होता हुआ दिल्ली से पूर्वी यूपी के जिलों को जोड़ सकेगा.

इस प्रोजेक्ट को सुपरवाइज कर रहे अपर मुख्य सचिव (गृह विभाग) अवनीश कुमार अवस्थी का कहना है कि एक्सप्रेसवे के जरिए पूर्वांचल के जिलों से लखनऊ से दिल्ली 9-10 घंटे में पहुंचा जा सकेगा. प्रोजेक्ट के दौरे पर आए पत्रकारों से बातचीत मे UPEIDA के चीफ इंजीनियर मनोज गुप्ता ने बताया कि पूर्वांचल एक्सप्रेसवे पर सुल्तानपुर जिले के पास 3.2 किलोमीटर की हवाई पट्टी विकसित की जा रही है, जहां आपातकालीन स्थिति में लड़ाकू विमान उतर सकते हैं और उड़ान भर सकते हैं.

ऐसे ही चित्रकूट, बांदा, महोबा, हमीरपुर, जालौन, ओरैया और इटावा जैसे जिलों के लिए बुंदलेखंड एक्सप्रेसवे का काम जारी है. 296 किलोमीटर लंबे इस एक्सप्रेसवे के बारे में अवनीश कुमार अवस्थी ने बताया कि कोरोना वायरस महामारी के बावजूद प्रोजेक्ट का काम 38 फीसदी तक पूरा हो चुका है.

देश के कई राज्यों से आए चुनिंदा पत्रकारों से खास बातचीत में यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने पूर्वांचल और बुंदेलखंड के इलाकों का जिक्र करते हुए कहा कि इन दोनों क्षेत्रों में तुलनात्मक कम विकास हुआ है और एक्सप्रेसवे शुरू होने के बाद यहां के हालात बदलेंगे.

मेरठ से प्रयागराज तक करीब 594 किलोमीटर लंबे गंगा एक्सप्रेसवे प्रोजेक्ट की भी तैयारी है. इस प्रोजेक्ट को पीपीपी मोड में तैयार किया जाएगा, जिसके लिए EOI मंगवाए जा चुके हैं, 11 देसी औ कई विदेशी कंपनियों ने भी इसमें रुचि दिखाई है. गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे के माध्यम से गोरखपुर को पूलखनऊ, आगरा और दिल्ली तक जोड़ने का प्लान है.

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'लॉ एंड ऑर्डर'

'कानून-व्यवस्था' पर एक सवाल के जवाब में अवनीश कुमार अवस्थी कहते हैं कि प्रदेश में पिछले करीब चार सालों में अपराध रोकने की हरसंभव कोशिश की गई है. अपराधियों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जा रहा है, कानून-व्यवस्था की स्थिति बेहतर होने से लोगों में भरोसा बढ़ा है. इसलिए ही प्रदेश में अमेरिका, कनाडा, जर्मनी समेत 10 देशों से 57 हजार करोड़ का इंवेस्टमेंट आया है.

संगठित माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई की जानकारी देते हुए अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (लॉ एंड ऑर्डर) प्रशांत कुमार ने बताया कि मार्च, 2017 से दिसंबर 2020 के बीच कई माफियाओं की कुल 9 अरब 33 करोड़ रुपये की चल-अचल संपत्ति जब्त की गई है. इनमें 475 करोड़ रुपये तो 25 माफियाओं से ही जब्त किया गया है. कुल 129 अपराधियों को ढेर किया गया है. 525 पर NSA लगाया गया है.

MSMEs पर जोर

यूपी दिवस के अगले दिन लखनऊ स्थित अपने आवास पर पत्रकारों से बातचीत में सीएम योगी आदित्यनाथ ने बताया कि प्रदेश में इंवेस्टमेंट पर फोकस तो है ही साथ ही MSMEs के जरिए रोजगार को बढ़ावा देने पर जोर दिया जा रहा है. इस दौरान मुख्यमंत्री ने 'एक जनपद, एक उत्पाद' (ODOP) प्रोजेक्ट के बारे में भी बताया. सीएम ने बताया कि ODOP के तहत यूपी के सभी 75 जिलों के एक-एक उत्पाद को बढ़ावा देना का उद्देश्य है.

‘’सभी जिलों को पहले देखा गया कि किस जिले में किस प्रकार का उत्पाद है, जहां ऐसा कुछ नहीं था, वहां के लिए संभावना ढूंढी. इसे कई तरीकों से प्रचारित किया. अब आप सोचिए कि यूपी ने इस प्रोजेक्ट के तहत 1.16 लाख करोड़ रुपये का एक्सपोर्ट किया है, ये किसी भी लिहाज से प्रोजेक्ट की सफलता ही बताता है.’’
योगी आदित्यनाथ, मुख्यमंत्री, उत्तर प्रदेश

अयोध्या को 'हब' बनाने का प्लान

अयोध्या के डीएम अनुज कुमार झा बताते हैं अयोध्या में लोगों का आना जाना पहले के मुकाबले दोगुना हो गया है. पहले जहां 4-5 हजार लोग दर्शन के लिए आते थे, अब वो आंकड़ा 10 हजार के पार जा चुका है. मंदिर बनने के बाद रोज 1 लाख लोगों के आवागमन का अनुमान है. अयोध्या में एयरपोर्ट करीब-करीब पूरी तरह तैयार हो चुका है. 1200 एकड़ की अलग टाइउनशिप विकसित किए जाने की तैयारी है, यूपी आवास विकास निगम ने इसके लिए नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया है.

डीएम अनुज कुमार झा ने बताया कि कई राज्यों ने अयोध्या में अपने-अपने 'भवन' तैयार करने के लिए जमीन अलॉट कराने की इच्छा जाहिर की है, कुछ कॉरपोरेट हाउसेज ने भी ऐसा किया है. झा कहते हैं, अगले 10 सालों में न सिर्फ अयोध्या की तस्वीर पूरी तरह से बदल जाएगी, ये ग्लोबल लेवल पर बड़ा टूरिस्ट स्पॉट होगा, साथ ही प्रदेश के विकास के लिए इसका बड़ा योगदान भी होगा.

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