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यूपी के उन्नाव में पिछले साल जलाई गई गैंगरेप पीड़िता का भतीजा अगवा

पीड़ित परिवार का आरोप - किसी से मिलने नहीं दे रही पुलिस

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उत्तर प्रदेश के उन्नाव स्थित बिहार थाना क्षेत्र में पिछले साल कथित तौर एक रेप पीड़िता को 5 लोगों ने आग के हवाले कर दिया था. अब उसी लड़की के 6 वर्षीय भतीजे के अगवा होने की खबर है.

पिछले मामले में पीड़ित परिवार ने आरोप लगाया था कि ‘’रेप पीड़िता’’ अपने मुकदमे के सिलसिले में रायबरेली जा रही थी, तभी गांव से 1 किलोमीटर दूर उसे आग लगा दी गई थी. इसके बाद पीड़िता को अस्पताल में भर्ती कराया गया था, लेकिन उसकी मौत हो गई थी.

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बच्चे से जुड़े मामले पर बिहार थाना प्रभारी एसके सिंह ने क्विंट को बताया कि परिवार ने जिन 5 संदिग्धों का नाम लिया है, वो पिछले मामले से जुड़े आरोपियों के परिजन हैं. बता दें कि पिछले मामले के आरोपी फिलहाल जेल में हैं और उनका ट्रायल शुरू हो चुका है.

जब थाना प्रभारी से कार्रवाई को लेकर सवाल पूछा गया तो उन्होंने बताया कि बच्चे के लापता होने के मामले में अभी तक कोई सुराग नहीं मिला है.

पीड़ित परिवार का क्या कहना है?

पिछले साल जिस लड़की को कथित तौर पर 5 लोगों ने आग के हवाले कर दिया था, उनकी बहन ने क्विंट को बताया, ''2 अक्टूबर को हम लोग खेत चले गए थे. बच्चा घर पर था, जब हम घर पर लौटकर आए तो बच्चा वहां नहीं मिला. हमने इसके बाद उसकी तलाश शुरू की, हम थाने भी गए. वहां हमने एप्लिकेशन दी. अभी तक बच्चे का पता नहीं चला है. एक सुराग तक हाथ नहीं लगा है.''

उन्होंने प्रशासन पर भी आरोप लगाए हैं. उन्होंने कहा, ''प्रशासन हमें किसी से मिलने नहीं दे रहा है. हम लखनऊ में मुख्यमंत्री आवास पर जाना चाहते हैं, मदद मांगना चाहते हैं. लेकिन प्रशासन ने कहा है कि वहां जाने का कोई फायदा नहीं, हम छानबीन कर तो रहे हैं, घर से बाहर मत निकलो.''

बच्चे के अपहरण का मामला दर्ज हुआ है और हम लोग इसकी जांच कर रहे हैं.
आनंद कुलकर्णी, उन्नाव SP
हाथरस केस में पुलिस पर आरोप लगे कि उसने पीड़ित परिवार को अपने घर में कैद कर दिया. किसी से मिलने की इजाजत नहीं दी. बाद में हंगामा मचा तो नेताओं और मीडिया को हाथरस के पीड़ित परिवार से मिलने दिया गया. उन्नाव मामले में भी पीड़ित परिवार का कहना है कि उन्हें किसी से मिलने नहीं दिया जा रहा.
पीड़ित परिवार ने बताया, ‘’पहले भी हमारे साथ ऐसा ही हुआ था. हमसे कहा गया था कि हमें नौकरी दी जाएगी, आवास दिया जाएगा, लेकिन नौकरी वगैरह नहीं दी गई.’’

इस मामले में पीड़ित परिवार की सुरक्षा में लगाए गए 3 कॉन्स्टेबल ''लापरवाही'' को लेकर सस्पेंड कर दिए गए हैं.

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