उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ से एक ऐसा मामला सामने आया है, जो कुछ सरकारी कर्मचारियों की संवेदनशीलता पर सवाल उठाता है. साथ ही ये बता रहा है कि 'गरीबी का दंश' कैसे जान ले सकता है. मामला अलीगढ़ जिले के बरला क्षेत्र का हैं जहां बिजली विभाग की टीम पर आरोप है कि उनके उत्पीड़न से परेशान एक अधेड़ शख्स ने फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली है.
12 फरवरी को हुई इस पूरी घटना को मृतक रामजी लाल के परिजन और गांववाले कुछ ऐसे बताते हैं- सुनहरा गांव में रहने वाले मृतक के घर बिजली विभाग (बरला सब-स्टेशन) की टीम पहुंची. मृतक पर घरेलू बिजली का कुछ बिल बकाया था, जिससे 'नाराज' होकर बिजली विबाग के कर्मचारी उन्हें गालियां देने लगें. मृतक के रिश्तेदार का आरोप है कि करीब 2 हजार के बिल को बढ़ा चढ़ाकर बताया जा रहा था और FIR कर जेल भेजने की धमकी भी दी गई.
रामजी लाल के रिश्तेदार का कहना है कि 'कमजोर दिल' के रामजी लाल को गालियां दी गईं , कार्रवाई की धमकी दी गई जिससे परेशान होकर उन्होंने अपनी जान दे दी.
वो तार काट रहे थे, वीडियो बना रहे थे. 2-3 हजार के करीब का बिल था, 20-30 हजार बता रहे थे. हमारे चाचा छोटे दिल के आदमी थे. हम चाहते हैं कि न्याय मिले. मुआवजा मिले, बिजली विभाग के जो गुनाहगार हैं उन्हें सजा मिले. हमें न्याय नहीं मिला तो हम आत्महत्या कर लेंगे.रामचरण सिंह, मृतक के भतीजे
मौत की खबर गांववाले गुस्से में आ गए और बॉडी को बिजली विभाग कार्यालय के सामने रखकर प्रदर्शन करने लगे. गांववालों की मांग है कि दोषी विद्युत विभाग कर्मियों पर मुकदमा दर्ज हो और सरकार मृतक के परिजनों को मुआवजा दे.
अतरौली के एसडीएम पंकज कुमार भी गांववालों को समझाने बुझाने पहुंचे , उनका कहना है कि जांच के बाद दोषियों पर कार्रवाई होगी.
गांववालों का कहना है खुदकुशी है,पोस्टमार्टम पुलिस ने कराया है. परिजनों का कहना है कि बिजली विभाग की टीम की तरफ से वसूली की जो कार्रवाई हुई है वो भी खुदकुशी का एक कारण हो सकता है.इसको लेकर गांववालों में आक्रोश था. मैंने गांव में आकर लोगों को समझाया-बुझाया. इसकी जांच चल रही है, जो भी दोषी पाया जाता है उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. अगर सरकारी कर्मचारियों का दोष है तो उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाएगी.पंकज कुमार, एसडीएम, अतरौली
साफ है कि पैसे के अभाव में रामजी लाल को जान गंवानी पड़ी. जो गांववाले कह रहे हैं, मृतक के रिश्तेदार कह रहे हैं उसके आधार पर कह सकते हैं कि अगर बिजली विभाग के कुछ कर्मचारियों ने थोड़ी संवेदनशीलता दिखाई होती तो रामजी लाल जिंदा होते.
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