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UP के इस गांव में लोग नहीं देख पाते 15 अगस्त को PM कैसे फहराते हैं राष्ट्र ध्वज

नगला ढीपा गांव की कुल आबादी करीब 700 है. वहीं कुल वोटरों की संख्या 250 के आसपास है.

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देश आजादी की 75वीं वर्षगांठ के जश्न में डूबा है. देशभर में आजादी का अमृत महोत्सव के तहत हर घर तिरंगा अभियान चलाया जा रहा है. लेकिन उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के एटा (Etah) जिले का एक गांव आज भी अंधेरे में डूबा है. आजादी के 75 साल बीत जाने के बाद भी जैथरा विकासखंड के नगला ढीपा गांव में बिजली नहीं पहुंच पाई है. लोगों को अभी तक अंधेरे से आजादी नहीं मिली है. वहीं सरकार और प्रशासन ने भी इस गांव से मुंह मोड़ रखा है.

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नगला ढीपा गांव से क्विंट की ग्राउंड रिपोर्ट

एटा के अलीगंज विधानसभा क्षेत्र में पड़ने वाले नगला ढीपा गांव की कुल आबादी करीब 700 है. वहीं कुल वोटरों की संख्या 250 के आसपास है. इस गॉव में करीब 90 मकान हैं. ठाकुर जाति बाहुल्य इस गांव के लोगों को आज भी बिजली का इंतजार है.

नगला ढीपा गांव की कुल आबादी करीब 700 है. वहीं कुल वोटरों की संख्या 250 के आसपास है.

नगला ढीपा गांव

(फोटो: क्विंट)

क्विंट से बातचीत में गांव के लोगों ने कहा कि बिजली नहीं होने की वजह से उन्होंने आज तक टीवी पर देश के प्रधानमंत्री को लालकिले पर झंडा फहराते हुए नहीं देखा है और न ही उनका संबोधन सुना है. दिल्ली जाकर कार्यक्रम देखना तो सभी गांव वालों के लिए संभव नहीं है. ऐसे में वो चाहते हैं कि अगर गांव में बिजली आ जाए तो सभी टीवी पर ही पीएम को तिरंगा फहराते देख सकें.

गांव के 60 वर्षीय दयाशंकर की उम्मीदें टूट चुकी हैं. वो कहते हैं कि हमारे गांव में अभी तक बिजली नहीं है और मुझे उम्मीद है कि कभी आएगी भी नहीं. क्योंकि हमारा हाल जानने के लिए न तो क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि आते हैं और न ही अधिकारियों को फुरसत है.

दयाशंकर ने आगे कहा कि जब हम लोग उनसे मिलने जाते है तो कह देते हैं कि जल्दी गांव में बिजली आ जाएगी. इसके साथ ही उन्होंने बताया कि हमारे गांव के आसपास के गांवों में 15 साल से बिजली पहुंचाने का काम किया जा रहा है और पहुंच भी गई है, लेकिन मेरे गांव में अभी तक बिजली नहीं पहुंची है.

तीन किमी दूर जाते हैं मोबाइल फोन चार्ज करने

सरकार भले ही डिजिटल इंडिया की बात करती हो, लेकिन ये धरातल पर कितना उतरा इसका अंदाजा ढीपा गांव से लगाया जा सकता है. जहां पर लोग बिजली न होने की वजह से आज भी तीन कीमी दूर जैथरा कस्बे में मोबाइल चार्ज करने जाते हैं.

50 वर्षीय सोरन सिंह ने कहते हैं कि हमारे गांव में बिजली नहीं है, जिसके कारण लोग तीन किमी दूर जैथरा कस्बे में या हेमंता गांव में मोबाइल चार्ज करने जाते हैं.

गांव की ही अनीता कहती हैं कि गांव में बिजली नहीं होने से बच्चों का भविष्य भी अंधकारमय होता जा रहा है. बच्चों की पढ़ाई-लिखाई ठीक से नहीं हो पाती है.

गांव के चारों तरफ तारों का जाल, लेकिन बिजली नहीं

सरकार की ओर से सौभाग्य योजना चलाई जा रही है. इस योजना के तहत सरकार ने हर घर में बिजली पहुंचाने का लक्ष्य रखा है. लेकिन इसके बावजूद भी ढीपा गांव में बिजली नहीं पहुंच पाई है. गांव के चारों और बिजली के तारों का जाल बिछा है लेकिन गांव आज भी अंधेरे में डूबा हुआ है.

गढ़ी रोशन पंचायत की प्रधान के पति रविंद्र चौहान बताते हैं कि हमारी ग्राम पंचायत में एक ढीपा गांव ही है जहां आज तक बिजली नहीं पहुंची है. हमने कई बार लिख करके दिया है लेकिन कोई सुनवाई नहीं होती है.

क्या बोले जिम्मेदार अधिकारी?

वहीं इस मामले में जब जैथरा विद्युत उपकेंद्र के एसडीओ से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि हमारे क्षेत्र के 64 गांवों में बिजली का विस्तार हुआ है. लेकिन ढीपा गांव में अभी तक बिजली नहीं पहुंच पाई है.

सरकार की सौभाग्य फेज-3 योजना में शामिल कराने के लिए प्रपोजल बना करके ऊपर भेज दिया गया है. दिसम्बर 2022 के अंत तक इस गांव में भी बिजली पहुंच जाएगी.

क्विंट की खबर के बाद फंड जारी

इससे पहले क्विंट ने नगला तुलई गांव की हकीकत भी बताई थी. बिजली की समस्या का मुद्दा प्रमुखता से उठाने के बाद क्षेत्रीय विधायक सत्यपाल सिंह ने गांव की सुध ली. गांव तक बिजली पहुंचाने के लिए 9 लाख 95 हजार का फंड विधायक कोष से जारी किया गया है. हालांकि फंड तो जारी हो गया है लेकिन बिजली अभी तक नहीं पहुंची है. उम्मीद है कि जल्द ही ये गांव भी रौशन होगा.

इनपुट- शुभम श्रीवास्तव

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