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गोरखपुर का एथलीट US जेल में बंद, पिता ने PM-CM को लिखा पत्र लेकिन नहीं मिली मदद

हरिकेश के परिवार के लोगों का कहना है कि आर्थिक तंगी के कारण वो अमेरिका के एक होटल में बतौर मैनेजर काम भी कर रहा था.

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भारत का एक एथलीट पिछले तीन महीने से अमेरिका की एक जेल में बंद है. यहां उसके पिता उसे छुड़ाने के लिए राज्य सरकार से लेकर खेल मंत्रालय तक में गुहार लगा रहे हैं, लेकिन उन्हें कोई मदद नहीं मिल रही. उत्तर प्रदेश के गोरखपुर के चौरी चौरा के अहिरौली गांव का रहने वाला युवा एथलीट हरिकेश मौर्य पिछले तीन महीने से कोलराडो के डेनवर जेल में बंद है.

हरिकेश के परिवार के लोगों का कहना है कि आर्थिक तंगी के कारण वो अमेरिका के एक होटल में बतौर मैनेजर काम भी कर रहा था. फरवरी में एक मामले में पुलिस ने उसे जेल भेज दिया.

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पुलिस ने क्यों किया हरिकेश को गिरफ्तार?

जानकारी के मुताबिक, 17 फरवरी 2022 की रात हरिकेश होटल की ड्यूटी से छुट्टी पर था. इस दौरान दो लड़कियां कहीं से भागकर एक आदमी के साथ आईं और उस आदमी के साथ होटल में ठहरीं. सुबह हरिकेश जब ड्यूटी पहुंचा तो पुलिस की रेड पड़ी और दोनों लड़कियां होटल से पकड़ी गईं, लेकिन साथ का आदमी फरार हो गया. पता चला कि पकड़ी गई लड़कियां कहीं से फरार होकर आई थीं. पुलिस ने इस मामले में होटल में पनाह देने के लिए हरिकेश को भी गिरफ्तार कर लिया. उसका मुकदमा कंट्री कोर्ट हाउस 505 हैरीसन अवे, लेडविल्ले सीओ 80461 में चल रहा है.

हरिकेश के परिवार की आर्थिक हालत ठीक नहीं है. 4 मार्च को हरिकेश के पिता ने प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री विदेश मंत्रालय और खेल मंत्रालय को पत्र भेजा था, लेकिन उन्हें अब तक कोई मदद नहीं मिली है.
हरिकेश के परिवार के लोगों का कहना है कि आर्थिक तंगी के कारण वो अमेरिका के एक होटल में बतौर मैनेजर काम भी कर रहा था.

परिवार का आरोप- 'फंसाया गया'

परिवार का आरोप है कि हरिकेश को फंसाया गया है. उनके पिता ने कहा कि 24 फरवरी को वर्ल्ड चैंपियनशिप के लिए हरिकेश का सलेक्शन था और 17 फरवरी को ये घटना हुई. हरिकेश के पिता ने कहा कि उसकी ट्रेनिंग खराब करने के लिए ऐसा किया गया है.

उनकी मांग है कि हरिकेश को छुड़ाया जाए, ताकि उसने अपने देश का नाम रोशन करने का जो सपना देखा है, उसे पूरा कर सके.

पिता जमीन बेचकर दिला रहे थे हरिकेश को ट्रेनिंग

हरिकेश ट्रेनिंग के लिए 2017 में अमेरिका गया था. अमेरिका में खिलाड़ियों के ऑफर पर वो वहां गया था. कोरोना काल में उसे आर्थिक परेशानी आई तो पिता ने अपना कृषि योग्य भूमि बेचकर खर्च का पैसा दिया. हरिकेश अमेरिका में अपने निजी खर्च पर अमेरिका में टेनिंग ले रहा था. उसके जज्बे और लगन को देखते हुए उसके पिता अब तक ज्यादातर खेती की भूमि बेच कर उसकी आर्थिक मदद कर चुके हैं.

उसके बेहतर प्रदर्शन को देखते हुए ट्रेंनिग के लिए उसका चयन कोलोराडो के एक कैम्प के लिए हुआ, जहां हरिकेश कई देशों के खिलाड़ियों के साथ ट्रेनिंग ले रहा था. उसकी आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी, तो वो पार्ट टाइम एक होटल में मैनेजर की नौकरी करने लगा. होटल में नौकरी का कोई एग्रीमेंट नहीं हुआ था.

(इनपुट- गौरव मिश्रा)

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