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उत्तराखंड:चमोली की नीति घाटी में पहाड़ टूटने से सड़क बंद,12 दिन से 'कैद' में लोग

चट्टान टूटने से नीति घाटी के लोग पिछले 12 दिनों से कैद में हैं.

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वीडियो एडिटर: कनिष्क दांगी

उत्तराखंड के चमोली में भारत-तिब्बत सीमा (India-Tibet Border) से लगी नीति घाटी के पास मरखदुड़ा में चट्टान टूटने से जोशीमठ-नीति सीमा सड़क बाधित हो गई है. इसके अलावा पहाड़ी से गिरे बड़े-बड़े बोल्डरों के कारण बिजली के खंभे क्षतिग्रस्त हो गए हैं, जिससे घाटी में बिजली आपूर्ति बाधित हो गई है. सड़क बंद होने से करीब आधा दर्जन से ज्यादा गांवों के लोगों से संपर्क कट चुका है.

बोल्डरों के कारण बिजली के खंभे क्षतिग्रस्त होने से कई गांव अंधेरे में डूब गए हैं. मार्ग बंद होने से एक दर्जन से ज्यादा गांव के लोगों का देश-दुनिया से संपर्क कट चुका है. हालांकि, सीमा सड़क संगठन सड़क खोलने की कार्रवाई में जुट गया है.

वहीं, पहाड़ी से चट्टानों का रुक-रुककर टूटने का सिलसिला जारी है, जिससे बीआरओ के लिए मार्ग खोलना चुनौती बन गया है.

स्थानीय निवासी केशर सिंह राणा ने बताया कि जोशीमठ-नीती सीमा सड़क पर तमक के पास लगातार चट्टान टूटने का सिलसिला जारी है. क्षेत्र को जोड़ने वाली विद्युत और संचार व्यवस्था पूरी तरह से ठप हो गई है. पूर्व प्रधान पुष्कर सिंह बताते है कि घाटी, तिब्बत सीमा से लगी होने के कारण दूरसंचार सेवा से भी वंचित है. घाटी 12 दिनों से पूरी तरह से बंद है, जिस कारण हम संपर्क भी नहीं कर पा रहे है.

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प्रशासन का पक्ष

वहीं, प्रशासन का कहना है कि क्षेत्र में व्यवस्थाओं को सुचारू करने की कोशिश की जा रही है. मार्ग खोलने में 24 घंटे का समय लग सकता है. सीमा सड़क संगठन के कमांडर ने दूरभाष पर बताया कि सड़क खोलने के प्रयास किए जा रहे है, लेकिन भारी बारिश और भूस्खलन के चलते मजदूरों को काम करने में दिक्कत आ रही है. जल्द ही मार्ग को सुचारू रूप से आवागमन के लिए कर दिया जाएगा.

12 दिन से कैद में है हजारों लोग

बॉर्डर सड़क बंद होने से घाटी के तमक, जुमा, कागा, गरपक, रविंग, द्रोणागिरी , जेलम, भपकुंड, कोषा, मलारी, कैलासपुर, मेहरगाव, कुरगति, फरक्या गांव, बाम्पा, गमशाली, नीती जैसे गांवों की दूरसंचार, बिजली, सड़क जैसी समस्याए बनी हुई हैं. साथ ही बारिश के चलते सेना की रशद आपूर्ति भी बाधित हुई है. मौसम खराब होने के कारण वायुसेना के जहाज भी उड़ान नहीं भर सके, जिस कारण नीति घाटी में खाघान्न का संकट गहराता जा रहा है.

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